नई दिल्ली. समझौता एक्सप्रेस में बम धमाके के आरोपी असीमानंद की बेल के खिलाफ एनआईए की अपील ना करने पर जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने भी इसको लेकर एनआईए की आलोचना की है. दिग्विजय ने कहा, इस कड़ी में अगला नाम साध्वी प्रज्ञा, मेजर उपाध्याय, नकली शंकराचार्य पांडेय […]
नई दिल्ली. समझौता एक्सप्रेस में बम धमाके के आरोपी असीमानंद की बेल के खिलाफ एनआईए की अपील ना करने पर जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने भी इसको लेकर एनआईए की आलोचना की है.
दिग्विजय ने कहा, इस कड़ी में अगला नाम साध्वी प्रज्ञा, मेजर उपाध्याय, नकली शंकराचार्य पांडेय और कर्नल पुरोहित का होगा.’ दिग्विजय ने आरोप लगाते हुए ट्वीट किया, ‘भाजपा और आरएसएस संघ से जुड़े आतंकियों को लेकर उदार हैं और वो उन्हें बाहर निकालना चाहते हैं, जिससे वो उनका विरोध करने वालों को आतंकित कर सकें.
Proves my point. BJP/RSS is soft on accused Sanghi Terrorists. They want them out to further terrorise those who are opposed to them.
— digvijaya singh (@digvijaya_28) August 12, 2015
उमर ने कहा है कि एनआईए का फ़ैसला पाकिस्तान में लखवी को मिली जमानत से किस तरह अलग है. दरअसल भारत मुंबई पर हुए हमले के अभियुक्त लश्करे तैयबा नेता ज़कीउर्रहमान लखवी की पाकिस्तान में मिली जमानत पर विरोध जताता रहा है.
How is the Indian justification of bail for #Aseemanand any different from the Pakistani justification of bail for #Lakhvi?
— Omar Abdullah (@abdullah_omar) August 12, 2015
असीमानंद को लेकर मानवाधिकार कार्यकर्ता कविता कृष्णन ने ट्विटर पर लिखा है, सीबीआई तीस्ता सीतलवाड़ की जमानत को विरोध करती है. लेकिन एनआईए स्वघोषित आतंकवादी असीमानंद की जमानत का विरोध नहीं करती है.
क्या है मामला ?
इससे पहले केंद्रीय गृहराज्य मंत्री हरीभाई चौधरी ने मंगलवार को लोकसभा को जानकारी दी थी कि असीमानंद को मिली जमानत के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील करने के लिए राष्ट्रीय जांच एजंसी (एनआईए) को कोई वजह नज़र नहीं आई.
कौन है असीमानंद?
असीमानंद पर 2007 के समझौता एक्सप्रेस में बम धमाके करने का आरोप हैं.