नई दिल्ली: राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 148वीं जयंती पर कांग्रेस ने निशाना साधते हुए कहा कि मोदी के दिल में गोडसे रहते हैं जबकि मुंह पर गांधी जी रहते हैं. दरअसल कांग्रेस ने एक लेख शेयर करते हुए पीएम मोदी पर ये तंज कसा है. कांग्रेस ने पीएम मोदी के साथ-साथ राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ को भी आड़े हाथ लेते हुे कहा कि जब गांधीजी की हत्या हुई थो आरएसएस की ओर से मिठाईयां बांटी गईं थी. इसके साथ-साथ कांग्रेस ने स्वच्छ भारत मिशन को भी फेल बताया है. कांग्रेस ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन अपने उद्देश्यों को पाने में विफल रहा है.जहां भी समस्या है वहां सरकार विज्ञापन के जरिए लोगों को जागरूक करने के लिए महात्मा गांधी और पीएम मोदी के पोस्टर लगा दे रही लेकिन गांधीजी जीवित होते तो वे इन पोस्टरों को देखकर निश्चित रूप से नाराज होते.
कांग्रेस ने कहा है कि यह संघ और बीजेपी के दोहरे चरित्र को दिखाता है. हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि नाथुराम गोडसे, जिसने गांधीजी को मार डाला, वह आरएसएस का सदस्य था. आरएसएस की ओर से इस बाद को अस्वीकार करने के संघ के लाख प्रयासों के बाज भी भाई गोपाल गोडसे ने 28 जनवरी 1994 को फ्रंटलाइन पत्रिका में दिए इंटरव्यू में ये बात कही है कि गोडसे आरएसएस से जुड़ा था.
कांग्रेस ने कहा है कि गोपाल गोडसे ने खुद इस बात को स्वीकार किया है कि वो सभी भाई आरएसएस से जुड़े हुए थे. काग्रेस ने कहा है कि जब गांधी जी की हत्या हुई तो आरएसएस ने मिठाई बांटी थी.
बता दें कि कांग्रेस ने दशहरे के मौके पर भी केंद्र की एनडीए सरकार और आरएसएस पर तीखा हमला करते हुए कहा था कि राम राज्य और आरएसएस राज्य में फर्क है. इसके साथ-साथ आरएसएस और बीजेपी पर महात्मा गांधी के विजन के अर्थों को बदलकर उसे उत्पीड़न के लिए इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है.