मुंबई : एनडीए के मुख्य घटक दल बीजेपी और शिवसेना के बीच इन दिनों बात बात पर तकरार हो रही है. खासकर शिवसेना बीजेपी और केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है. शनिवार को एक बार फिर से शिवसेना ने निशाना साधते हुए कहा कि वो हमें देशभक्ति ना सिखाए. इससे पहले शुक्रवार को भी शिवसेना बीजेपी पर जुबानी हमला कर चुकी है. मुंबई के शिवाजी पार्क में शिवसेना की दशहरा रैली को संबोधित करते हुए शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने बीजेपी को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि वो हमें देशभक्ति नहीं सिखाए. उद्धव ने कहा कि हमें देशभक्ति नहीं सिखाइए. अभी वह दिन नहीं आया है कि हमें देशभक्ति सिखाई जाए.
दशहरा रैली में मौजूद विशाल जन समूह को संबोधित करते हुए उद्धव ने कई मुद्दों पर मोदी सरकार को घेरा. उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन आर. भागवत द्वारा शनिवार सुबह दिए गए भाषण का विशेष तौर पर जिक्र करते हुए केंद्र सरकार को म्यांमार के विस्थापित रोहिंग्या मुसलमानों को शरण देने के बारे में केंद्र सरकार को चेतावनी दी. ठाकरे ने कहा कि मैं बांग्लादेश के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से अपील करता हूं कि वे हमारी सुरक्षा के लिए भारत में रह रहे लाखों बांग्लादेशियों को वापस ले लें, हमें उनकी जरूरत नहीं है.
उद्धव ठाकरे ने कहा कि ऐसा माहौल बनाया जा रहा है कि जो लोग नोटबंदी का समर्थन कर रहे हैं वह देशभक्त हैं. और जो लोग इसका विरोध करते हैं, वे देशद्रोही हैं. वह पिछले वर्ष केंद्र सरकार द्वारा पांच सौ और हजार रुपये के नोट पर प्रतिबंध लगाने के निर्णय का जिक्र कर रहे थे. ठाकरे ने जम्मू और कश्मीर में पीडीपी के साथ भाजपा के सत्ता साझा करने पर ऐतराज जताते हुए कहा कश्मीर में बीजेपी-पीडीपी से कैसा वैचारिक संबंध है? ठाकरे ने केंद्र सरकार पर सवाल दागते हुए कहा कि अपने चुनावी घोषणापत्र के अनुसार वो जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को क्यों नहीं खत्म कर रहे हैं?
मोदी की महत्वाकांक्षी परियोजना का विरोध करते हुए उद्धव ने कहा, ‘बुलेट ट्रेन कौन चाहता है? पहले रेल ढांचे में सुधार कीजिए. वहीं पेट्रोल और डीजल की अधिक कीमतों पर बोलते हुए उद्धव ने कहा कि यह सरकार कहती है कि जीएसटी से कर में एकरूपता आएगी. एकरूपता कहां है? पाकिस्तान में भी हमारे यहां से सस्ता पेट्रोल है.