मुंबईः एलफिंस्टन स्टेशन के नाम से मशहूर मुंबई के प्रभादेवी स्टेशन पर जिस ओवरब्रिज पर भगदड़ में 22 लोगों की मौत हो गई उसे अंग्रेज बनाकर गए थे. 1867 में एलफिंस्टन रोड स्टेशन के नाम से अंग्रेजों ने ये स्टेशन बनाया था, जिसका नाम बदलकर प्रभादेवी स्टेशन कर दिया गया. इस स्टेशन का नाम बॉम्बे के गवर्नर लॉर्ड एलफिंस्टन (1853-1860) के सम्मान में रखा गया था. हादसे में कम से कम 39 लोगों के घायल होने की खबर है. बताया जा रहा है कि दो झूठी और गलत अफवाह से भगदड़ मची. पहली अफवाह थी कि भारी बारिश के बीच शॉर्ट सर्किट हो गया है और दूसरी अफवाह थी कि ब्रिज का कुछ हिस्सा टूटकर नीचे गिर रहा है.
मुंबई की लोकल ट्रेनों को मायनगरी की लाइफलाइन कहा जाता है और इसमें इन रेलवे ब्रिज, फुटओवर ब्रिज का भी बड़ा हिस्सा शामिल है. आपको बताते हैं उस एलफिंस्टन स्टेशन का इतिहास और उस ब्रिज के बारे में जिस पर हादसा हुआ.
मुंबई के बहुत ज्यादा भीड़भाड़ वाले स्टेशनों में एलफिंस्टन स्टेशन भी शामिल है. एलफिंस्टन ब्रिज पर आम तौर पर हमेशा भीड़ होती है. इसकी वजह यह है कि सेंट्रल और वेस्टर्न लाइनों को जोड़ने वाला यह ब्रिज दोनों तरफ से आने वाली ट्रेनों के यात्रियों के आने-जाने का एकमात्र जरिया है.
एलफिंस्टन ब्रिज काफी संकरा है और हमेशा यात्रियों की भीड़ की वजह से इसको लंबे समय से चौड़ा करने या वैकल्पिक पुल बनाने की मांग की जा रही थी. कई बार लोगों ने इस ब्रिज को वन-वे करने की भी मांग की. उन मांगों को नजरअंदाज करने का खामियाजा आज इस हादसे के रूप में सामने आया है.
एलफिंस्टन ब्रिज एक तरफ से सेंट्रल और वेस्टर्न लाइन को जोड़ने वाले एलफिंस्टन रोड स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर निकलता है तो दूसरी तरफ फुटओवर ब्रिज के जरिए वडाला के लिए निकलता है. बता दें कि एक समय यह ब्रिज मुंबई के सभी रेलवे स्टेशनों पर बने ब्रिज का किंग कहलाता था. गुजरते वक्त के साथ और प्रशासनिक नाकामी से यह बदहाल होता गया.