नई दिल्ली. देश में इस समय पॉर्न बैन पर बहस छिड़ी हुई है. सरकार कह रही है कि वह चाइल्ड पॉर्न को बैन करना चाहती है पर सभी तरह के पॉर्न पर बैन नहीं लगा सकती. दूसरी तरफ इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर कह रहे हैं कि चाइल्ड पॉर्न को फिल्टर कर पाना संभव नहीं है. ऐसे […]
नई दिल्ली. देश में इस समय पॉर्न बैन पर बहस छिड़ी हुई है. सरकार कह रही है कि वह चाइल्ड पॉर्न को बैन करना चाहती है पर सभी तरह के पॉर्न पर बैन नहीं लगा सकती. दूसरी तरफ इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर कह रहे हैं कि चाइल्ड पॉर्न को फिल्टर कर पाना संभव नहीं है.
ऐसे में सवाल ये है कि इन दोनों दलीलों के बीच हिंदुस्तान के बच्चों के भविष्य के साथ हो रहे खिलवाड़ का जिम्मेदार कौन है? इंटरनेट घर घर में है. ऐसे में बच्चों की पहुंच से उन्हें दूर कैसे किया जाए, क्योंकि न तो आप अपने बच्चों के इंटरनेट इस्तेमाल करने पर पाबंदी लगा सकते हैं, न उनकी निगरानी कर सकते हैं. ऐसे में चाइल्ड पॉर्नोग्राफी कैसे रुके ये बड़ा सवाल है.
वीडियो पर क्लिक कर देखिए पूरी बहस: