मुंबई: जिंदगी बार बार नहीं मिलती लिहाजा हमारा मकसद है कि आप कानून के शिकंजे में आये बाबाओं की पाखंडलीला का सच जरुर समझें और दोबारा फिर किसी पाखंडी बाबा के झांसे में ना आएं. मुंबई के बोरीवली में राधे मां नवरात्र के मौके पर एक पांडाल में गरबा करने पहुंची थी. राधे मां पांडाल में दाखिल हुईं तो अपनी ही टोली के लोगों से घिरी हुई थीं. उन्हें मंच पर ऐसे लाया जा रहा था जैसे साक्षात देवी धरती पर उतर आई हों. राधे मां मंच पर पहुंची और अपने पुराने अंदाज में नाचने लगीं.
एक वक्त था जब राधे मां के डांस की तस्वीरें या तो किसी आलीशान बंगले से सामने आती थीं या फिर किसी फॉर्म हाउस से. लेकिन बीते एक साल में राधे मां का पाखंड सबके सामने आ गया. खुद को देवी बताने वाली राधे मां सवालों के घेरे में रहीं. उन पर दहेज प्रताड़ना और चौकी लगाकर अश्लीलता फैलाने तक के आरोप लगे.
सबसे ज्यादा सनसनी मुंबई के मशहूर मिठाई कारोबारी मनमोहन गुप्ता के आरोपों ने फैलाई थीं जो राधे मां के परम भक्त थे. मनमोहन गुप्ता ने आपबीती बताते हुए खुलासा किया था कि राधे मां ग्लैमर के बूते लोगों को ठगने का धंधा करती हैं.असल में आज की राधे मां कभी सुखविंदर हुआ करती थीं.
जिनकी शादी 19 साल पहले पंजाब में होशियारपुर जिले के मुकेरिया में हुई थी. पति नौकरी के सिलसिले में दोहा चला गया तो 21 साल की उम्र में सुखविंदर मंहत रामाधीन परमहंस की शरण में जा पहुंची. परमहंस ने सुखविंदर को छह महीने तक दीक्षा दी और वहीं से सुखविंदर का नाम राधे मां पड़ गया.
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