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उज्जैन: भस्म आरती महाकाल के लिए हो सकती है खतरनाक, ASI ने किए चौंकाने वाले खुलासे

मध्य प्रदेश के उज्जैन महाकाल से जुड़ी आज एख बड़ी खबर आई है. आर्केलोजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) की रिपोर्ट में ये बात सामने आई है कि महाकाल खतरे में हैं और रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं. कहा जा रहा है कि ये भस्मआरती महाकाल के लिए खतरनाक साबित हो सकती है.

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  • September 27, 2017 3:23 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago
उज्जैन: मध्य प्रदेश के उज्जैन महाकाल से जुड़ी आज एख बड़ी खबर आई है. आर्केलोजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) की रिपोर्ट में ये बात सामने आई है कि महाकाल खतरे में हैं और रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं. कहा जा रहा है कि ये भस्मआरती महाकाल के लिए खतरनाक साबित हो सकती है. 
 
दरअसल, ASI ने शिवलिंग और मंदिर प्रांगण के संरक्षण को लेकर एक रिपोर्ट तैयार की. जिसमें ये बात सामने आई है कि ज्योतिर्लिंग का आकार घट रहा है. जल, दूध, घी, शहद के अभिषेक से महाकाल को नुकसान पहुंच सकता है. साथ ही, गुड़, शक्कर आदि के पाउडर की रगड़ भी नुकसानदायक हो सकता है.
 
 
अहम बात ये है कि गाय के गोबर से बनने वाली भस्म में सिलिका की मात्रा 63 फीसदी है. इसके अलावा, इसमें कैल्शियम ऑक्साइड, फास्फोरस, पोटैशियम वगैरह मौजूद है, जो बेहद खतरनाक हैं. बता दें कि महाकाल की भस्मआरती देखने के लिए हजारों लोग रोज़ाना उज्जैन आते हैं. 
 
उज्जैन में तीन दिनो तक रुक कर ASI की टीम के डॉ वी के सक्सेना और डॉ मदन सिंह चौहान ने शिव लिंग सहित महाकाल के कोटी तीर्थ के जल समेत भस्म आरती की राख और हार फूल की बारीकी से जांच की थी. समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि यदि संभव हो तो प्लान बनाकर गर्भगृह में प्रवेश पर रोक लगनी चाहिए.
 
 
गर्भगृह को सूखा और साफ रखने के साथ-साथ संगमरमर की बनी फर्श का क्षतिग्रस्त क्षेत्र ठीक कराने की बात कही गई. गर्भगृह को हवादार बनाने, कूड़े को निपटाने के लिए प्रभावी प्रबंधन का जिक्र किया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक धार्मिक स्थल के संरक्षण के लिए बचाव के लिए सुझाए गए उपाय ही सही है.

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