नई दिल्ली: भारतीय कमांडोज ने बुधवार सुबह नगा उग्रवादियों के कैंप को तबाह कर दिया. सुबह करीब 5 बजे भारतीय कमांडो ने ये कार्रवाई की है. आज सुबह करीब 5 बजे सेना के कमांडो ने अपना ऑपरेशन शुरू किया. नगालैंड-म्यामांर बॉर्डर के पास लांगखू गांव में ऑपरेशन में कई आतंकी मारे गए. खापलांग गुट के उग्रवादियों पर ये कार्रवाई की गई है.
नगालैंड और म्यामांर की सीमा पर बने NSCN (खापलांग) गुट के उग्रवादियों के खिलाफ सेना ने बड़े ऑपरेशन को अंजाम दिया है. अच्छी बात ये रही कि इस ऑपरेशन में भारतीय सेना को कोई नुकसान नहीं हुआ. बता दें कि इससे पहले भी हमारी सेना म्यांमार में सर्जिकल स्ट्राइक कर चुकी है.
अब आपको बताते हैं कि NSCN खापलांग गुट क्या है ?
NSCN का पूरा नाम है नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नगालैंड है, ये एक उग्रवादी संगठन है. 40 के दशक में इसके नेता इसाक चिशी सु थे. जो नगा लोगों को जोड़कर एक ग्रेटर नगालैंड बनाना चाहते थे. लेकिन बाद में संगठन में दो गुट बन गए. पहला गुट इसाक मोइवा का है, दूसरा गुट एस एस खापलांग का है.
मोइवा गुट के साथ भारत सरकार का सीजफायर चल रहा है जबकि खापलांग गुट के साथ लड़ाई जारी है. खापलांग गुट भारत में अपनी उग्रवादी गतिविधियों को लंबे समय से अंजाम देता रहा है. ये गुट ज्यादातर छिपकर हमले करता है. 4 जून 2015 को इसी गुट ने मणिपुर में सेना के काफिले पर छिपकर हमला किया, जिसमें 18 जवान शहीद हो गए थे, 11 घायल हो गए.
बाद में सेना ने म्यांमार की सीमा पर जाकर पहली बार सर्जिकल स्ट्राइक की थी और खपलांग गुट को बड़ा नुकसान पहुंचाया था. आज फिर से म्यांमार बॉर्डर पर हुई सर्जिकल स्ट्राइक इसी गुट के आतंकियों पर की गई है. सितंबर 2015 में भारत सरकार ने इस गुट को प्रतिबंधित कर दिया था. इस गुट से संबंधित एक बात और है कि इसी साल 10 जून को इस गुट के मुखिया एस एस खापलांग की मौत हो गई.
खापलांग की मौत के बाद से इस गुट में नेतृत्व को लेकर आपस में वर्चस्व की लड़ाई चल रही है. जिसकी वजह से हाल में नगा इलाकों में आतंकी गतिविधियों में बढ़ोतरी हुई है. भारतीय सेना की टुकड़ियों पर हमले बढ़े हैं. लिहाजा, खुफिया सूचना के बाद से म्यांमार में इस गुट पर सर्जिकल स्ट्राइक की गई.