पटना : कांग्रेस ने पार्टी प्रदेश अध्यक्ष प्रमुख अशोक चौधरी को उनके पद से तुरंत प्रभाव से हटा दिया है. जिसके बाद अशोक चौधरी ने भावुक होते हुए अपनी चुप्पी तोड़ी है. अशोक चौधरी ने समाचार एजेंसी ANI से बातचीत में कहा कि हम पार्टी के निर्णय का स्वागत करते हैं, लेकिन जिस तरह से अपमानित करके निकाला गया, वह सहीं नहीं था. वो एक सम्मानजनक विदाई के हकदार थे. चौधरी ने कहा कि अभी हमारा पार्टी छोड़ने का कोई इरादा नहीं है, लेकिन यह भी मंजूर नहीं है.
मंगलवार को अशोक चौधरी को कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटा दिया गया था. कांग्रेस महासचिव जर्नादन द्विवेदी ने बताया कि सोनिया गांधी ने उन्हें तत्काल प्रभाव से पद से हटा दिया है. बिहार से लगातार कांग्रेस विधायकों के टूटने की खबरें आ रही हैं और अशोक चौधरी पार्टी में एकजुटता पैदा करने में नाकाम रहे थे. अशोक के ऊपर हाई कमान की ओर से गाज गिरना लगभग तय माना जा रहा था.
पटना में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में अशोक चौधरी भावुक भी हो गए और उनके आंखों में आंसू आ गए. उन्होंने कहा कि मेरा परिवार शुरु से समर्पित कांग्रेसी रहा है लेकिन पद से हटाने की सूचना मुझे मीडिया से मिली. उन्होंने कहा कि मैं पार्टी का सम्मान करता हूं और पार्टी के लिए आगे भी काम करता रहूंगा.
बता दें कि मंगलवार को बिहार में चल रही राजनीतिक उठापटक के बीच कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अशोक चौधरी को बिहार कांग्रेस अध्यक्ष पद से तत्काल प्रभाव से हटा दिया है. अशोक चौधरी को हटाए जाने के बाद फिलहाल बिहार कांग्रेस अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी कौकब कादरी को दी गई है.
कौकब प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष हैं. नए अध्यक्ष के नाम का ऐलान होने तक कौकब प्रदेश कांग्रेस कमेटी की जिम्मेदारी संभालेंगे. प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए किसी नाम का ऐलान अभी तक नहीं किया है. हाल ही में अशोक चौधरी चौधरी ने आरोप लगाया था कि केंद्रीय कांग्रेस के कुछ नेताओं की वजह से बिहार कांग्रेस में अस्थिरता की स्थिति है और कुछ नेता उन्हें पद से हटाने की साजिश रच रहे हैं.
चौधरी ने कहा था कि कुछ बड़े नेता मेरे खिलाफ ये बोलकर साजिश रच रहे हैं कि मैं नीतीश कुमार के जेडीयू के पक्ष में पार्टी को तोड़ने का प्रयास कर रहा हूं ताकि मुझे पीसीसी के अध्यक्ष पद से अपने पसंदीदा स्थान पर जगह मिल सके.