कोलकाता : अलग गोरखालैंड की मांग को लेकर 104 दिन से अनिश्चितकालीन हड़ताल कर रहे गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (GJM) ने अपना बंद वापिस ले लिया है. GJM के इस कदम को गृह मंत्री राजनाथ सिंह की अपील के असर के तौर पर देखा जा रहा है. जीजेएम उपाध्यक्ष कल्याण दीवान ने बताया कि हमारे पार्टी प्रमुख बिमल गुरूंग ने पर्वतीय क्षेत्र में बुधवार सुबह से बंद को अनिश्चित काल के लिए स्थगित करने का फैसला किया है. उन्होंने कहा कि बंद वापस लेने की केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह की अपील के बाद यह फैसला किया गया है.
केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने तीन महीने से जारी इस बंद को वापस लेने की अपील की थी और मुद्दे के सौहाद्र्रपूर्ण समाधान के लिए बातचीत के के लिए आमंत्रित किया था. गृह मंत्रालय की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया, एक लोकतंत्र में, किसी भी समस्या को हल करने के लिए संवाद ही एकमात्र तरीका है. संयम, पारस्परिक संवाद से कानून के दायरे में हल निकाला जा सकता है.
राजनाथ सिंह ने कहा, जीजेएम के आह्वान पर जारी बंद से अभी तक 11 लोगों की जान गई है, जबकि कई अन्य घायल हुए हैं. वहां जो कुछ भी हुआ है, उससे मुझे काफी कष्ट हुआ है. जीजेएम ने मंगलवार को बंद को वापस लेने का निर्णय लिया है जिसके बाद इलाके में स्थिति सामान्य होती नजर आई. माना जा रहा है कि इससे आंदोलन पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा. जीजेएम की इस हड़ताल के चलते दार्जिलिंग को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा था.
वहीं राज्य के टूरिज्म मिनिस्टर गौतम देब ने कहा कि केंद्र सरकार ने जीजेएम सुप्रीमो बिमल गुरुंग को वापसी का एक मौका दिया था. गौतम ने कहा कि पहाड़ियों पर पहले ही 80 प्रतिशत से ज्यादा दुकानें खुल गई थीं. बता दें कि अलग गोरखालैंड की मांग को लेकर जीजेएम द्वारा पिछले 12 जून से दार्जिलिंग में बंद जारी है.