मुंबई: हफ्तावसूली के चलते मुंबई में गिरफ्तार दाऊद इब्राहिम के भाई इकबाल कासकर को लेकर एक के बाद एक नए खुलासा हो रहे हैं. कासकर पाकिस्तान में बैठे अपने भाई दाऊद के साथ जीमेल के जरिए चैट किया करता था. पुलिस की नजर कासकर के ईमेल अकाउंट पर है. इसस पहले इकबाल कासकर ने पूछताछ में माना कि वो अपने भाई से संपर्क में रहता था. कासकर ने बताया कि भिंडी बाजार में हुसैनी इमारत गिरने के बाद दाऊद से बात हुई थी. हुसैनी इमारत के पास ही कासकर का घर है. एक सीनियर पुलिस अधिकारी ने बताया कि वे लोग वॉइस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल के जरिए कॉल करने के लिए सिम बॉक्स का इस्तेमाल करते थे.
कासकर ने गिरफ्तारी के बाद पुलिस को दाउद से जुड़ी कई मामलों में जानकारी साझा की है. ठाणे पुलिस के डीसीपी के अभिषेक त्रिमुथ ने जानकारी देते हुए बताया कि पुलिस को कासकर का जीमेल अकाउंट की हाथ लगा. उसके बाद गूगल के अधिकारियों से पुलिस ने जीमेल का पासवर्ड और उससे जुड़ी दूसरी जानकारी मांगी. जीमेल की जांच के बाद उससे जुड़े कुछ सबूत हाथ लग सकते हैं. पुलिस ने इस केस से जुड़े डिटेल बताते हुए कहा कि उन्हें पता चला था कि दाऊद गैंग के लोग ठाणे इलाके में सक्रीय हैं इसलिए क्राइम ब्रांच ने इस मामले को एक्टॉर्शन सेल को सौंपा था. पुलिस के मुताबिक इस मामले में पहले इन लोगों की पहचान की गई जिन्हें धमकियां दी जा रही थी.
कुछ दिन पहले इकबाल ने पुलिस को बताया है कि कुछ सालों से वह दाऊद के सीधे संपर्क में नहीं है. वह केवल अनीस और भाभी मेहजबीन के संपर्क में है. इससे साफ पता चलता है कि दाऊद का कारोबार मेहजबीन के ही हाथों में है. बताया जा रहा है कि इकबाल कासकर पुलिस के सामने ज्यादा मुंह नहीं खोल रहा है. वह तबियत ठीक न होने का बहाना बना रहा है. पुलिस इस मामले की जांच कर रही है कि फिरौती के इस मामले में दाऊद का डायरेक्ट या इनडायरेक्ट कनेक्शन तो नहीं है? बताया जा रहा है कि इकबाल कासकर ड्रग्स का शिकार है. पुलिस के मुताबिक फिरौती का ये पहला मामला नहीं है. इसमें करीब 10 से 20 फिरौती के और केस जुड़े हुए हैं. साथ ही कुछ बिल्डर भी इस केस से जुड़े हुए हैं जो इस रैकेट का साथ देते थे. इसके अलावा कुछ स्थानीय नेताओं का भी नाम सामने आ रहा है जो इस रैकेट की मदद करता था.