बनारसः काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में बीते गुरुवार को एक लड़की से छेड़खानी के बाद बवाल मच गया था. छात्राओं ने विरोध प्रदर्शन किया. शनिवार रात शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर लाठियां बरसाईं गईं. जिसके बाद इस पूरे मामले ने सियासी रंग ले लिया. इस पूरे विवाद के दौरान बीएचयू के वीसी जी.सी. त्रिपाठी चुप्पी साधे रहे. सोमवार को जी.सी. त्रिपाठी मीडिया के सामने आए और उन्होंने इस मामले में हो रही राजनीति के पीछे बाहरी तत्वों का हाथ बताया. वीसी त्रिपाठी मानते हैं कि बीएचयू कैंपस लड़कियों के लिए पूरी तरह सुरक्षित है और पीएम मोदी की वाराणसी यात्रा का माहौल खराब करने के लिए यह पूरा प्रकरण रचा गया था.
द इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, वीसी जी.सी. त्रिपाठी ने छात्रा से छेड़छाड़ की घटना की निंदा की. उन्होंने कहा, कई बार मुद्दे जान-बूझकर बनाए जाते हैं. और इस मामले में ऐसा ही है. वास्तविक घटना से ज्यादा इसके बाद जो कुछ हुआ वो दुखदायी था.
वीसी त्रिपाठी ने आगे कहा, विश्वविद्यालय राजनीति की जगह नहीं है. कुछ लोग एक झूठ को सच बनाना चाहते हैं. मासूम और अपरिपक्व मस्तिष्क वाले छात्र इसे सच मान लेते हैं और प्रदर्शन के लिए तैयार हो जाते हैं. कुछ लोग निहित स्वार्थों से इस घटना को तूल दे रहे हैं.
छात्रों को अगर समस्या थी तो वह प्रशासन को सुझाव देते. लेकिन उच्च शिक्षा के संस्थानों में अव्यवस्था पैदा करने की मानसिकता इसके पीछे काम कर रही है. उन्होंने कहा, ‘बीएचयू अकेला नहीं है, देश की हर यूनिवर्सिटी इसकी शिकार है. हमनें पीड़िता से बात की है और वह हमारे द्वारा उठाए कदम से संतुष्ट है. दरअसल पीड़िता इस मुद्दे पर हो रही राजनीति से नाखुश है.’
छात्राओं की मांग के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, ‘मैं छात्राओं को कैंपस में सुरक्षा महसूस कराने के लिए पूरा प्रयास कर रहा हूं. हम और ज्यादा स्ट्रीट लाइट्स लगवा रहे हैं और हर जगह सुरक्षा गार्ड तैनात कर रहे हैं.’ वह कहते हैं, ‘ प्रदर्शनकारी छात्र चाहते थे कि मैं उनसे मिलूं. मैं इसके लिए तैयार भी था लेकिन अपराधी तत्व पेट्रोल बम और पत्थर फेंक रहे थे. मैं वहां कैसे जाता?’
वीसी त्रिपाठी ने आगे कहा, ‘कैंपस में 10 हजार लड़कियां रहती हैं. हम हॉस्टल में उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी ले सकते हैं, वहां कर्फ्यू टाइम (आने-जाने का समय) है. लेकिन सड़क पर कर्फ्यू टाइम नहीं है. सड़क पर ऐसी घटनाएं होती हैं. ये बहुत बड़ा कैंपस है, कहीं भी कुछ भी हो सकता है. हम हर छात्र के साथ एक गार्ड नहीं लगा सकते. हम हर लड़की की बात सुनेंगे तो इतनी बड़ी यूनिवर्सिटी नहीं चल पाएगी.’
वीसी ने आगे कहा, ‘इस मामले की जांच के लिए हाई कोर्ट के जज के नेतृत्व में एक कमेटी बनाई गई है. कुछ छात्रों ने यह झूठ फैलाया है कि विश्वविद्यालय प्रशासन छात्रों की नहीं सुनता. दरअसल प्रशासन उनकी शिकायतों के निवारण के लिए हर संभव कदम उठाता है.’ हॉस्टल खाली कराए जाने की खबर पर वीसी त्रिपाठी कहते हैं, ‘यह एक कोरी अफवाह है. किसी भी छात्रा से हॉस्टल खाली करने को नहीं कहा गया है. लेकिन हां अगर कोई नेतागिरी करता है तो हम जरूर कैंपस और हॉस्टल बंद कर देंगे.’