रावण पर पड़ी GST और नोटबंदी की मार, कद हुआ छोटा

1 जुलाई को देश में जीएसटी लागू किया गया. जिसके बाद कुछ चीजें सस्ती तो कुछ मंहगी हो गयी. लेकिन जीएसटी का असर अब त्योहारों पर भी दिखने लगा है. इस बार रावण बनाने वालें कारीगरों ने बताया कि रावण बनाने में काम आने वाली तमाम वस्तुओं के रेट बढ़ा दिये हैं. जीएसटी की वजह से रावण दहन के कई प्रोग्राम का आयोजन गड़बड़ा गया है.

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रावण पर पड़ी GST और नोटबंदी की मार, कद हुआ छोटा

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  • September 25, 2017 9:25 am Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago
नई दिल्ली. 1 जुलाई को देश में जीएसटी लागू किया गया. जिसके बाद कुछ चीजें सस्ती तो कुछ मंहगी हो गयी. लेकिन जीएसटी का असर अब त्योहारों पर भी दिखने लगा है. इस बार रावण बनाने वालें कारीगरों ने बताया कि रावण बनाने में काम आने वाली तमाम वस्तुओं के रेट बढ़ा दिये हैं. जीएसटी की वजह से रावण दहन के कई प्रोग्राम का आयोजन गड़बड़ा गया है.
 
कारीगरों ने मीडिया को बताया कि नोटबंदी और जीएसटी के लागू हो जाने के बाद तमाम सामान महंगा हो गया है, जैसे बांस की एक गठ्ठर पहले 700-800 रुपये का मिलता था. जो कि इस साल 1000-1200 रुपये हो गया है. यानि की कीमतों में  400-500 रुपये का अंतर आया है.
 
 
मीडिया के अनुसार जीएसटी की वजह से इस बार लागत में खर्च बढ़ने की वजह से दशहरे पर होने वाले सभी प्रोग्राम की टिकट में काफी अंतर आयेगा. कई आयोजनकर्ताओं का कहना है कि पहले तक वो कई सामाजिक मुद्दों से विषयों पुतलों का निर्माण करते थे. लेकिन लागत में बढ़ने की वजह से इस बार वो केवल रावण, कुंभकर्ण और मेघनाथ के पुतलों का ही निर्माण करेंगे.
 
 
राज्य के कई जिलों के कारीगरों ने समझदारी कहे या जीएसटी की मार के चलते रावण के पुतले की ऊंचाई को कम कर दिया गया है, जिससे की बजट को कम किया जा सके.

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