नई दिल्ली : विदेशी छात्रा से रेप के मामले में पीपली लाइव फिल्म के सह-निर्देशक महमूद फारूकी को दिल्ली हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. दिल्ली हाईकोर्ट ने फारुकी को रेप के आरोपों से बरी कर दिया है. हाई कोर्ट ने संदेह का लाभ देते हुए साकेत कोर्ट का फैसला पलट दिया है. साकेत कोर्ट ने फारुकी को रेप के मामले में 7 साल की सजा सुनाई थी. जिसके बाद साकेत कोर्ट के फैसले को फारुकी ने हाई कोर्ट में चुनौती दी थी.
अगस्त 2016 में पिपली लाइव फिल्म के सह-निर्देशक महमूद फारूकी को दिल्ली की साकेत कोर्ट ने 7 साल की सजा सुनाई थी. साथ ही, फारूकी पर कोर्ट ने 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया था. फारूकी को कोलंबिया यूनिवर्सिटी की एक अमेरिकी शोधार्थी के रेप का दोषी पाया गया था.
महमूद फारूकी को 30 जुलाई 2016 को साकेत कोर्ट ने अमेरिकी महिला के साथ रेप का दोषी करार दिया था. 35 वर्षीय अमेरिकी महिला ने जून 2015 में फारूकी के खिलाफ न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी थाने में रेप का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई थी. अमेरिकी महिला का आरोप था कि फारूकी ने उनके साथ दिल्ली के सुखदेव विहार में रेप किया था. महिला ने आरोप लगाया था कि जब वह अपने रिसर्च के काम से दिल्ली आई हुई थीं, तब फारूकी ने अपने आवास पर उनके साथ रेप किया.
मामला 28 मार्च, 2015 का है. महिला ने कोर्ट को बताया था कि बाद में फारूकी ने ई-मेल्स के जरिए उनसे माफी भी मांगी थी. हालांकि, फारूकी ने इन आरोपों से इनकार किया था. पुलिस ने 29 जून, 2016 को अपनी चार्जशीट फाइल की थी, जिसमें इस बात का जिक्र था कि फारूकी ने अपने सुखदेव विहार स्थित आवास पर अमेरिका महिला के साथ रेप किया था.
सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने कोर्ट से महमूद फारूकी के लिए ज्यादा से ज्यादा उम्र कैद की मांग की थी. दिल्ली पुलिस का कहना था कि फारूकी की वजह से देश का अपमान हुआ. पुलिस का यह भी कहना था कि चूंकि फारूकी समाज में एक अच्छा स्थान रखते हैं, तो उनके ऊपर अपने व्यवहार को अच्छा रखने की अधिक जिम्मेदारी बनती है.