सिरसा: हनीप्रीत और राम रहीम के रिश्तों को बेनकाब करने वाले हनीप्रीत के पूर्व पति विश्वास गुप्ता पर हमला हो गया. बताया जा रहा है कि ये हमला हरियाणा के शाहबाद में उस वक्त हुआ जब वो चंडीगढ़ में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर वापस लौट रहे थे. विश्वास गुप्ता ने इंडिया न्यूज को बताया कि मेरी गाड़ी रोकी गई. मेरे ड्राइवर को थप्पड़ मारा गया और गाड़ी की चाबी छीनने की कोशिश की गई.
विश्वास ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दावा किया था कि हनीप्रीत गुरमीत सिंह की गोद ली हुई बेटी नहीं लवर थी. प्रेस कॉन्फ्रेंस में विश्वास ने कहा था कि उनकी जान को खतरा है. प्रेस कॉन्फ्रेंस खत्म कर घर जाने लगा तो रास्ते पर हमला हो गया. राम रहीम के गुंडे मेरे ड्राइवर से हाथापाई करने लग गए और गाड़ी की चाबी छीनने की कोशिश की.
बता दें कि शुक्रवार को विश्वास के मुताबिक एक दिन राम रहीम ने उनके पिता को बुलाकर कहा कि विश्वास की शादी करनी है और लड़की उन्होंने ढूढ़ ली है और परसो ही शादी है. क्योंकि परिवार बाबा का भक्त था इसलिए उन्होंने शादी के लिए हां कर दी और साल 1999 में उनकी प्रियंका तनेजा उर्फ हनीप्रीत से शादी हो गई. विश्वास गुप्ता के मुताबिक जब मैं राम रहीम से पहली बार मिला तब मैं 13 साल का था.
विश्वास के मुताबिक- मेरा परिवार 50 साल से डेरे से जुड़ा था. बचपन में मैं राम रहीम के साथ वीडियो गेम खेला करता था. राम रहीम जब प्रवचन करने लगा तो हम उसके हर प्रवचन में जाते थे. मैं अपने पिता से ज्यादा राम रहीम पर भरोसा करता था. 1999 में राम रहीम ने बिना लड़की दिखाए मेरी शादी तय कर दी. मुझे नहीं पता था कि मेरी शादी किससे हो रही है. बाद में पता चला कि लड़की हनीप्रीत है.
बाबा मुझे अपने बेटे की तरह मानता था. राम रहीम ने कहा कि हनीप्रीत को हम बेटी मानते हैं. विश्वास के मुताबिक शादी के बाद राम रहीम डेरा कर्मी को भेजकर उन्हें और हनीप्रीत को डेरे में बुलाता था और फिर उनकी पत्नी यानी हनीप्रीत को अकेले अपनी गुफा में ले जाता था और इस बीच उसे बाहर डेरा समर्थकों के साथ बैठने को कहा जाता था.
विश्वास गुप्ता के मुताबिक- राम रहीम मेरी पत्नी के साथ कई घंटे गुफा में बिताने के बाद मुझे भी गुफा में बुलाता था और फिर मुझसे बिजनेस समेत दूसरी बातें करता था. वो कहता था कि हनीप्रीत उसका दुख-दर्द समझ लेती है इसलिए वो उसके साथ घंटों अकेले में बात करता है. विश्वास के मुताबिक 1999 से 2009 तक ये सिलसिला यूं ही चलता रहा.