नई दिल्ली: पंजाब के गुरदासपुर और केरल के वेंगारा में होने वाले उपचुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है. याचिका में मांग की गई है कि गुरदासपुर और वेंगारा में होने वाले उपचुनाव में VVPAT से निकलने वाली सारी ट्रेल (स्लिप)की गिनती की तुलना EVM से की जाए और अगर कोई अंतर मिलता है तो पेपर ट्रेल के परिणाम को माना जाए.
बता दें कि गुरदासपुर और वेंगारा में 11 अक्टूबर को वोटिंग होगी जबकि मतों की गिनती 15 अक्टूबर को की जाएगी. याचिका में कहा गया है कि वोटिंग वैधानिक अधिकार है जबकि संविधान के तहत ये मौलिक अधिकार है क्योंकि ये मतदाता को प्रत्याशी के बारे में जानकारी लेने का अधिकार देता है. हर वोटर को ये जानने का अधिकार है कि उसका वोट सही रिकार्ड है.
दरअसल जब VVPAT मशीन से वोटिंग होती है तो मत देने के लिए जब वोटर किसी प्रत्याशी के नाम के सामने का बटन दबाता है तो इसमें से पेपर की स्लिप निकलती है जिससे ये पता चलता है कि ओपका वोट किसे गया है. पेपर की स्लिप सील बॉक्स में जाने से पहले कुछ पल के लिए ये मतदाता को दिखाई देती है.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने EVM मशीनों में गडबडी के आरोपों को लेकर सुनवाई पहले ही बंद कर दी है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वो इस मामले पर चुनाव आयोग के जवाब से संतुष्ट है. चुनाव आयोग ने कोर्ट में कहा कि भविष्य के सभी चुनाव VVPAT के जरिये होंगे.