पटना. रेलवे होटल टेंडर घोटाला मामले की जांच कर रही सीबीआई ने लालू यादव और उनके पूत्र तेजस्वी यादव को क्रमश: 25 सितंबर और 26 सितंबर को पूछताछ के लिए बुलाया है. बता दें कि इससे पहले सीबीआई ने लालू यादव और उनके पूत्र तेजस्वी यादव को क्रमश: 11 और 12 सितंबर को पूछताछ के लिए बुलाया था.
मगर लालू यादव ने सीबीआई से तारीख बढ़ाने की मांग की थी और ये कहा था कि वो और उनके बेटे तेजस्वी यादव पहले दी गई तारीख पर सीबीआई के समक्ष पेश होने में सक्षम नहीं हैं. यही वजह है कि उन्होंने कहा था कि वो अगली तारीख पर ही सीबीआई के समक्ष पेश होंगे.
इसी के बाद सीबीआई ने लालू प्रसाद यादव और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव की मांग पर विचार करते हुए 25 सितंबर को लालू प्रसाद यादव और 26 सितंबर को तेजस्वी यादव को रेलवे होटल टेंडर के मामले में समन भेजा है.
बता दें कि लालू यादव को 11 सितंबर को सीबीआई के सामने पेश होना है जबकि तेजस्वी यादव को 12 सितंबर को पेश होना है. इस बात की जानकारी समाचार एजेंसी एएनआई ने ट्वीट कर दी है कि 11 को लालू और 12 सितंबर को तेजस्वी यादव सीबीआई के समक्ष पेश नहीं होंगे.
लालू यादव पर आरोप है कि उन्होंने रेल मंत्री रहते हुए निजी कंपनियों को बड़े पैमाने पर फायदा पहुंचाया और बदले में उनसे जमीन ली. इस मामले में सीबीआई ने लालू यादव के अलावा उनके बेटे तेजस्वी पत्नी राबड़ी देवी समेत 8 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया है.
क्या है पूरा मामला?
ये मामला साल 2006 का है जब लालू प्रसाद यादव रेल मंत्री हुआ करते थे. साल 2006 में रेलवे के रांची और पुरी स्थित बीएनआर होटल के विकास, रखरखाव और संचालन के लिए टेंडर निकाला गया जिसमें कथित अनिमित्ताएं पाएं जाने पर मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई.
होटलों के रखरखाव का ये टेंडर सुजाता प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को भी दी गई जिसके मालिक विजय कोचर और विनय कोचर हैं. आरोप है कि सुजाता होटल्स ने इन होटलों के टेंडर के बदले प्रेमचंद गुप्ता की कंपनी डिलाइट को दो एकड़ जमीन दी और बाद में ये कंपनी लालू परिवार को ट्रांस्फर हो गई.
दूसरी तरफ प्रवर्तन निदेशालय भी लालू यादव की बेटी और दामाद शैलेश कुमार के खिलाफ वित्तीय अनियमित्ताओं की जांच कर रहा है. पिछले दिनों प्रवर्तन निदेशालय ने मीसा भारती के दिल्ली स्थित बिजवासन स्थित फॉर्म हाउस को जब्त कर लिया था.