3 साल में कितना चमका प्रधानमंत्री मोदी का बनारस?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिवसीय वाराणसी दौरे पर हैं. वाराणसी उनका संसदीय क्षेत्र है, इस लिहाज से उनका यह दौरा काफी अहम माना जा रहा है. दरअसल पीएम मोदी की सरकार को तीन साल से ज्यादा का वक्त हो गया है. देशभर में मोदी विकास के दावों के बीच वाराणसी को एक अलग पहचान देने में जुटे हुए हैं. सरकार के तीन साल के कार्यकाल पर नजर डालें तो जान पड़ता है कि अब तक वह वाराणसी को करीब 35 हजार करोड़ रुपये की योजनाओं की सौगात दे चुके हैं.

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3 साल में कितना चमका प्रधानमंत्री मोदी का बनारस?

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  • September 22, 2017 1:26 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago
वाराणसीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिवसीय वाराणसी दौरे पर हैं. वाराणसी उनका संसदीय क्षेत्र है, इस लिहाज से उनका यह दौरा काफी अहम माना जा रहा है. दरअसल पीएम मोदी की सरकार को तीन साल से ज्यादा का वक्त हो गया है. देशभर में मोदी विकास के दावों के बीच वाराणसी को एक अलग पहचान देने में जुटे हुए हैं. सरकार के तीन साल के कार्यकाल पर नजर डालें तो जान पड़ता है कि अब तक वह वाराणसी को करीब 35 हजार करोड़ रुपये की योजनाओं की सौगात दे चुके हैं. शुक्रवार को एक बार फिर पीएम ने मंच से भोले बाबा की नगरी काशी के लिए कई योजनाओं का एलान किया.
 
पीएम मोदी ने वाराणसी से सांसद चुने जाने के बाद काशी को चमकाने में कोई कसर नहीं छोड़ने के तमाम दावे किए थे. काशी को स्मार्ट सिटी बनाने की बात कही थी. विकास के इन्हीं दावों के बीच बनारस की सड़कों पर विकास का चौतरफा जाल बिछाने के साथ-साथ आईपीडीएस सिस्टम के जरिए शहर को हाईटेक बनाने की कवायद लगातार जारी है.
 
वाराणसी में 964 करोड़ रुपये में मेट्रो जैसी करीब 2291 करोड़ रुपये से सिटी को स्मार्ट बनाने की कोशिश चल रही है. 630 करोड़ की लागत से एयरपोर्ट से शहर तक की फोरलेन सड़क, 270 करोड़ की लागत से रोड का कार्य जारी, 2600 करोड़ रुपये की लागत से बनारस से जौनपुर, मऊ और आजमगढ़ जाने वाले मार्ग का विस्तार किया जा रहा है.
 
 
वाराणसी की जनता ने जिस उम्मीद से पीएम मोदी पर भरोसा जताया था, आज वो भरोसा वाराणसी में साफ दिखाई दे रहा है. वाराणसी में विभिन्न योजनाओं का आगाज हो चुका है. चाहे वो रिंग रोड, फोर लेन रोड, अंडरग्राउंड बिजली का काम या फिर एलईडी लाइट हो सभी पर जोर-शोर से काम चल रहा है. वाराणसी शहर में सोडियम लाइट्स को हटाकर खास एलईडी लाइट लगाई गई हैं. गंगा घाट से लेकर पूरा शहर दूधिया रोशनी में जगमगा रहा है.
 
पूर्व ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल ने भी पीएम का संसदीय क्षेत्र होने के नाते वाराणसी को चमकाने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी. आईडीपीएस के तहत बिजली के तारों को अंडरग्राउंड किया जा रहा है. वहीं दूसरी ओर स्वास्थ्य सेवाओं की बात करें तो वाराणसी ही नहीं बल्कि समूचे पूर्वांचल में स्वास्थ्य व्यवस्थाएं चरमराईं हुईं हैं. ऐसे में मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद 580 करोड़ का बीएचयू में महामना मालवीय कैंसर इंस्टीट्यूट के निर्माण का काम चल रहा है.
 
200 करोड़ की लागत से मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल बनाया जा रहा है. इतना ही नहीं, कर्मचारियों के इलाज के लिए 150 करोड़ रुपये की लागत से ईएसआई अस्पताल का विस्तार किया गया. इसके अलावा 3.5 करोड़ रुपये की लागत से भेलूपुर स्थित ईएसआई डिस्पेंसरी की स्थापना की गई है. वाराणसी में रेलवे स्टेशनों का भी कायाकल्प किया जा रहा है. कैंट रेलवे स्टेशन पर एस्केलेटर लगाई गईं हैं. 500 यात्रियों के लिए विश्रामगृह बनाया गया है.
 
 
वाराणसी की ऐतिहासिक धरोहरों को भी सहेजने का काम तेजी से चल रहा है. पीएम मोदी के इस ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत 8 करोड़ रुपये की लागत से दुर्गाकुंड, लक्ष्मीकुंड व लाटभैरव कुंड की सफाई और जीर्णोद्धार, 80 करोड़ रुपये में म्यूजिक हेरिटेज वॉक का निर्माण कार्य चल रहा है. इसके अलावा 140 करोड़ रुपये की लागत से कन्वेंशन सेंटर का भी काम जारी है.
 
पीएम मोदी हमेशा से कहते आएं हैं कि वाराणसी के बुनकरों से उनका गहरा नाता रहा है. यही वजह है कि पीएम बनारस के बुनकरों पर भी खासा मेहरबान हैं. 213 करोड़ रुपये की लागत से ट्रेड फैसिलिटेशन सेंटर और क्राफ्ट म्यूजियम की स्थापना की गई है. इसके अलावा 32 करोड़ रुपये की लागत से 25 हजार हस्त कलाकारों, बुनकरों के लिए 9 कॉमन फैसिलिटी सेंटर और 10 ब्लॉक क्लस्टर भी बनाए जा रहे हैं.
 
वाराणसी को स्वच्छ बनाने की दिशा में भी लगातार काम चल रहा है. 320 करोड़ रुपये की लागत से अमृत योजना शुरू की गई है, इसके तहत जल और सीवेज व्यवस्था की जाएगी. इसके अलावा 6.88 करोड़ रुपये की सीएसआर सहायता से करसड़ा में ठोस कचरा प्रबंधन की दिशा में कदम उठाए गए हैं. शहर के 90 वार्ड में डोर-टू-डोर कूड़ा उठाने के लिए 12 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है, ताकि भोले बाबा की काशी नगरी हर हाल में साफ-सुथरी नजर आए.

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