नई दिल्ली: देश की जानी-मानी लेखिका और सोशल एक्टिविस्ट मधु किश्वर को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. कोर्ट ने मधु किश्वर के खिलाफ जम्मू-कश्मीर की निचली अदालत द्वारा मानहानि मामले में जारी गैर जमानती वारंट पर रोक लगा दी है. इतना ही नहीं अब मधु किश्वर को जम्मू कश्मीर नहीं जाना होगा.
सुप्रीम कोर्ट ने कोर्ट में वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए ट्रायल चलाने का आदेश दे दिया है. कोर्ट ने यह भी कहा कि निचली अदालत में सुनवाई टाली जाएगी. पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने मधु किश्वर को राहत देते हुए जम्मू कश्मीर की निचली अदालत द्वारा मानहानि मामले में जारी गैर जमानती वारंट पर रोक लगा दी थी.
सुनवाई के दौरान मधु किश्वर ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि उन्होंने कश्मीर में मीडिया पर कुछ ट्विट किए थे. इन्हीं आधार पर कश्मीर के एक अखबार के प्रधान संपादक ने उन पर मानहानि का मामला दर्ज कराया. उनकी ओर से पेश कपिल सिब्बल ने वारंट पर रोक लगाने की मांग की.
दरअसल 11 सितंबर को समाजसेवी मधु किश्वर को दिल्ली हाई कोर्ट ने गिरफ्तारी से अंतरिम राहत देने से इन्कार कर दिया था. मानहानि मामले में पेश नहीं होने पर श्रीनगर की अदालत ने उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है. उन्होंने इस आदेश के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका लगाई गई थी.
जस्टिस विनोद गोयल की पीठ ने इस याचिका पर सवाल उठाते हुए कहा था कि सुप्रीम कोर्ट पहले ही उन्हें राहत प्रदान करते हुए दिल्ली की अदालत से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से श्रीनगर की अदालत में पेश होने की अनुमति दे चुका है. अब याची किस प्रकार का संरक्षण चाहता है। वह ट्रायल से बचने का क्यों प्रयास कर रहा है. मधु किश्वर के खिलाफ कश्मीर के पत्रकार सईद शुजात बुखारी ने मानहानि का मुकदमा किया है.