कोलकाता: पश्चिम बंगाल की ममता सरकार को कलकत्ता हाई कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. हाई कोर्ट ने मूर्ति विसर्जन पर राज्य सरकार का फैसले को पलटते हुए मुहर्रम के दिन मूर्ति विसर्जन पर लगी रोक को हटा दिया है.
कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि किसी भी सूरत में प्रतिबंध लगाना सबसे आखिरी विकल्प होता है. आखिरी विकल्प का इस्तेमाल सबसे पहले क्यों किया जाए? राज्य सरकार को सिलसिलेवार तरीके से कदम उठाने होंगे.
कोर्ट ने कहा कि पहले की तरह ही रात 12 बजे तक मूर्ति विसर्जन किया जा सकता है. इसके लिए पुलिस को अलग से व्यवस्था करनी होगी. कोर्ट ने पुलिस को निर्देश दिए कि वह दोनों कार्यक्रमों के लिए अलग-अलग रूट तैयार करें.
इस दौरान हाई कोर्ट ने राज्य सरकार के फैसले पर भी सवाल खड़े किए. कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार ने सभी पर प्रतिबंध क्यों नहीं लगाया? बलपूर्वक आस्था पर रोक नहीं लगाई जा सकती. सरकार को हर स्थिति के लिए तैयार रहने की जरुरत है.
गौरतलब है कि पिछले साल भी इसी तरह राज्य सरकार ने मूर्ति विसर्जन पर प्रतिबंध लगाया था. पिछले साल 11 अक्टूबर को दशहरा और 13 अक्टूबर को मुहर्रम था. ममता के इस फैसले के खिलाफ कलकत्ता हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी, जिस पर सुनवाई के दौरान कोलकाता हाई कोर्ट ने सरकार को फटकार लगाई थी.