दिल्ली का बॉस कौन, मामले की सुनवाई के लिए SC जल्द गठित करेगा संवैधानिक पीठ !

कावेरी जल विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई बुधवार को पूरी हो गई है. अब सुप्रीम कोर्ट राज्य के अधिकारों को लेकर दिल्ली सरकार बनाम उपराज्यपाल के मामले में जल्द संवैधानिक पीठ का गठन कर सकता है.

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दिल्ली का बॉस कौन, मामले की सुनवाई के लिए SC जल्द गठित करेगा संवैधानिक पीठ !

Admin

  • September 20, 2017 10:56 am Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago
नई दिल्ली: कावेरी जल विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई बुधवार को पूरी हो गई है और कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. अब सुप्रीम कोर्ट राज्य के अधिकारों को लेकर दिल्ली सरकार बनाम उपराज्यपाल के मामले में जल्द संवैधानिक पीठ का गठन कर सकता है. बता दें कि 5 सितंबर को दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में इस मामले को लेकर संवैधानिक पीठ के जल्द गठन की मांग की थी.
 
तब सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा था कि अभी कोर्ट तमिलनाडु और कर्नाटक के बीच चल रहे कावेरी जल विवाद को लेकर सुनवाई कर रहा है, जब इस मामले की सुनवाई पूरी होगी तो संवैधानिक पीठ का गठन करेंगे. उस समय केंद्र सरकार की तरफ से कहा गया था कि मामले की सुनवाई दीपावली की छुट्टियों के बाद की जाए.
 
दरअसल इसी साल फरवरी में अधिकारों को लेकर दिल्ली सरकार बनाम उपराज्यपाल मामले को सुप्रीम कोर्ट ने संवैधानिक पीठ को भेज दिया था. दिल्ली सरकार की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट की दो जजों की बेंच ने ये फैसला किया था. कोर्ट ने कहा था कि इस मामले से अहम संवैधानिक मुद्दे जुड़े हैं इसलिए मामले की सुनवाई संवैधानिक पीठ ही करेगी.
 
 
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा था कि संवैधानिक पीठ किन मुद्दों पर सुनवाई करे, ये वही तय करेगी. केजरीवाल सरकार ने दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी है, जिसमें कहा गया है कि उपराज्यपाल राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के प्रशासनिक प्रमुख हैं और राजधानी के शासन में उनका फैसला अंतिम माना जाएगा.
 
याचिका में कहा गया है कि उपराज्यपाल मंत्रिपरिषद की सलाह पर काम करने के लिए बाध्य हैं. केजरीवाल सरकार ने दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए 31 अगस्त और दो सितंबर के बीच छह याचिकाएं दाखिल की थीं. दिल्‍ली सरकार का कहना है कि एक लोकतान्त्रिक प्रक्रिया से चुनी हुई सरकार को जनता की सेवा करने के अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता और दिल्ली सरकार उपराज्यपाल के अधीन नहीं है.

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