नई दिल्ली. पाकिस्तान खुफिया एजेंसी आईएसआई ने एक बार फिर से नापाक हरकत की है. इस बार उसने भारत की खुफिया जानकारी प्राप्त करने के लिए भारतीय आर्मी की लेडिड अफसर को फांसने की कोशिश की है. मगर इस घटना को आर्मी ने काफी गंभीरता से लिया है.
लेडी आर्मी अफसर लेफ्टिनेंट कर्नल रैंक की अधिकारी हैं. उनके पति भी आर्मी में कर्नल हैं. पाकिस्तान के आईएसआई ने भारतीय सुरक्षा में सेंध लगाने के लिए जासूसी का तरीका अपनाया. उसने इसके लिए एक शख्स का सहारा लिया और फिर शुरू कर दिया मैसेज का खेल.
8 अगस्त को लेडी आर्मी अफसर को लगातार कई मैसेज आए. यहां वो पूरी बातचीत.
जासूस- हाय, आप कैसे हैं?
लेडी आर्मी अफसर- आप कौन हैं?
जासूस- आप कहां हैं
जासूस- क्या आपने इंडियन आर्मी की 10 डिवीजन अखनूर में पोस्टेड हैं
जासूस- (उसने एक तस्वीर भेजी और कहा) आप यही हैं न
लेडी आर्मी अफसर- ज्यादा स्मार्ट मत बनों
जासूस- मैं अमेरिकी वाणिज्य दूतावास में काम करता हूं.
लेडी आर्मी अफसर ने नंबर ब्लॉक कर दिया.
जिस वक्त जासूस ने अफसर को मैसेज भेजे उस वक्त वो कोटा में अपनी आर्मी ऑफिस में ड्यूटी पर थीं. वो 14 सितंबर को दिल्ली आईं. 16 सितंबर को वो अपनी बेटी के साथ मेट्रो में थीं. उस वक्त उन्हें फिर से एक अनजान नंबर से मैसेज आया. मगर वो मैसेज किसी लेडी का था.
लेडी जासूस ने कहा कि उसके पास लेडी आर्मी अफसर की मदद करने के लिए काफी कुछ है. उसने अफसर को अपनी बेटी का फेसबुक अकाउंट देखने को कहा कि वहां कुछ तस्वीरें हैं.
इसके बाद लेडी अफसर ने अपनी बेटी से उन फोटो के बारे में पूछा तो बेटी ने बताया कि फेसबुक पर कोई मैसेज नहीं है, मगर हां, मैसेंजर में जरूर है. जब उन्होंने बेटी का चैट बॉक्स देखा तो उसमें लिखा था- हेलो बेटा, मुझसे आपकी मां का नंबर खो गया है. कृपया मुझे उनका नंबर सेंड कर दो. वहां पांच तस्वीरें भी थीं.
मगर पुलिस ने नंबर का पता लगाकर जासूस को गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ में जासूस ने बताया कि उसकी दो बहनें पाकिस्तान में रहती हैं. वह अक्सर पाकिस्तान जाता है. यही वजह है कि आईएसआई ने उसे फंसाया और उससे पाकिस्तान में ही कॉन्टेक्ट किया. जब उससे जासूसी के काम करने को कहा गया तो उसने काम करने के लिए तैयार हो गया.
पूछताछ में ये बात भी पता चली है कि वो पाकिस्तान उच्चा आयुक्त भी बार-बार जाता था. उसने यहीं से सिम भी खरीद लिया था. बता दें कि लेडीज आर्मी अफसर ने अपने मोबाइल को स्पेशल सेल को सौंप दिया है ताकि आगे की जांच की जा सके.