रोहिंग्या मुसलमानों की घुसपैठ पर सरकार की नजर, जमीन से आसमान तक किलेबंदी

रोहिंग्या मुसलमानों को उनके देश म्यांमार वापस भेजने के लिए केंद्र सरकार प्रतिबद्ध नजर आ रही है. यही वजह है कि केंद्र सरकार रोहिंग्या को भारत में घुसने से रोकने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है. केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर रोहिंग्या से देश की सुरक्षा को खतरा बताया है.

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रोहिंग्या मुसलमानों की घुसपैठ पर सरकार की नजर, जमीन से आसमान तक किलेबंदी

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  • September 19, 2017 3:28 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago
नई दिल्ली. रोहिंग्या मुसलमानों को उनके देश म्यांमार वापस भेजने के लिए केंद्र सरकार प्रतिबद्ध नजर आ रही है. यही वजह है कि केंद्र सरकार रोहिंग्या को भारत में घुसने से रोकने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है. केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर रोहिंग्या से देश की सुरक्षा को खतरा बताया है. 
 
म्यांमार में रोहिंग्या मुसलमानों के खिलाफ हो रहे सैन्य कार्रवाई के चलते रोहिंग्या वहां से भागकर बांग्लादेश और भारत में शरण ले रहे हैं. अभी भी भारत में रोहिंग्या मुसलमानों का पलायन जारी है. यही वजह है कि सरकार ने इन्हें भारत में आने से रोकने के लिए कुछ ठोस कदम उठाए हैं. 
 
बड़ी संख्या में रोहिंग्या मुसलमानों को भारत में प्रवेश से रोकने के लिए तटरक्षक बलों ने पेट्रोलिंग टीम्स बनाई हैं. तटरक्षक बलों ने समुद्री क्षेत्र से रोहिंग्या के प्रवेश को रोकने के लिए एंंट्री प्वाइंट को सील कर दिया है. 
 
 
तटरक्षक डोर्नियर विमान और हुवरक्राफ्ट बांग्लादेश से लगे समुद्री सीमा पर पेट्रोलिंग कर रही है, ताकि रोहिंग्या के भारत में प्रवेश को रोका जा सके. 
 
खुफिया एजेंसियों से प्राप्त इनपूट के आधार पर संदेह ये भी है कि वे लोग बंगाल में घुसने की कोशिश करेंगे क्योंकि वहां की सरकार का रुख प्रो रोहिंग्या है.
 
बताया जा रहा है कि रोहिंग्या को भारत में एंट्री दिलाने में इंटरनेशनल तस्कर भी शामिल हो सकते हैं. संदेह है कि वे लोग अंडमान और निकोबार आइलैंड में वैसे आइलैंड पर जाकर कब्जा जमा सकते हैं जहां कोई भी नहीं रहता है. 
 
 
इससे पहले कोर्ट में केंद्र सरकार ने अपने जवाब में कहा कि कुछ रोहिंग्या देश विरोधी और अवैध गतिविधियों में शामिल हैं. इनमें हुंडी, हवाला चैनल के जरिये पैसों का लेनदेन, रोहिंग्यो के लिए फर्जी भारतीय पहचान संबंधी दस्तावेज हासिल करना और मानव तस्करी जैसे मामले हैं.
 
केंद्र सरकार ने कोर्ट में ये भी कहा कि रोहिंग्या को यहां रहने की इजाजत दी गई तो भारत के नागरिक बोधिस्ट जो भारत में रहते है उनके खिलाफ हिंसा होने की पूरी संभावना है. कुछ आतंकवादी पृष्ठ भूमि वाले रोहिंग्या की जम्मू, दिल्ली, हैदराबाद और मेवात में पहचान की गई है और ये देश की आंतरिक और राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा हो सकते है.

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