नई दिल्ली. केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने एक बार फिर से शाकाहार होने की वकालत की है. सोमवार को उन्होंने कहा कि मानव प्राकृतिक रूप से शाकाहारी है और मांस का उपभोग मानव को नुकसान पहुंचाता है.
मयंक जैन की फिल्म ‘एविडेंस- मीट किल्स’ की लॉन्चिंग के मौके पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पिछले तीन दशकों में हुए शोधों में अनुभवजन्य आंकड़ों के साथ दिखाया गया है कि मानव शरीर के लिए मांस खराब हैं.
मेनका गांधी ने कहा कि मानव शरीर का हर भाग और अंग शाकाहारी है. जब हम अपने शरीर में अन्य जानवरों के मांस का प्रवेश करते हैं तो हम बीमारियों के शिकार बन जाते हैं. बता दें कि ये फिल्म वैज्ञानिक तरीके से मानव शरीर पर मांस के प्रभावों की पड़ताल पर आधारित है.
साथ ही उन्होंने कहा कि अगर आप मांस का भक्षण हर रोज करते हैं तो आपका शरीर कमजोर हो जाएगा. आप मांस खाने से मरेंगे नहीं, बल्कि यह निश्चित रूप से आपके शरीर को कमजोर कर देगा और ये मांस कई बीमारियों की चपेट में ले लेगा.
मेनका गांधी ने एक बार फिर से इस बात पर बल दिया कि फिल्म बनाने और प्रचार करने का उद्धेश्य लोगों को मांस खाने से रोकने के लिए राजी करना नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य है कि लोगों को कम से कम इसके फायदे और नुकसान के बारे में बताया जाए.
प्रेस क्लब में कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर बात ये है कि पहले आप मांस खाते हैं और बाद में मांस आपको खाता है. साथ ही उन्होंने कहा कि फिल्म को डॉक्टरों के द्वारा बनाया गया है ताकि लोग इनफॉर्म्ड पसंद बन सके.
केन्द्रीय मंत्री ने खेज जताया कि आहार संबंधी अध्ययन – आहार का अध्ययन और स्वास्थ्य पर इसके प्रभाव को चिकित्सा शिक्षा के दौरान उचित समय या ध्यान नहीं दिया गया.
उन्होंने कहा कि मुझे ऐसा लगता है कि 5-6 साल में जो आपको डॉक्टर बनने के लिए पढ़ाते हैं, वो आपको आहार अध्ययन के बारे में एक या दो घंटे से द्यादा नहीं पढ़ाते हैं. मुझे जो लगता है वो ये कि अगर आप उन्हें भोजन और शरीर पर उसके प्रभाव के बारे में नहीं पढ़ा पाते हैं तो फिर उन्हें मेडिसिन के बारे में पढ़ाने का क्या मतलब है.
इस फिल्म में एम्स के साइकोलॉजी विभाग के पूर्व एचओडी डॉ. रमेश बिजलानी को कुछ अन्य डॉक्टर्स के साथ फीचर किया गया है. ये फिल्म www.MeatKills.in. वेबसाइट पर उपलब्ध है.