नई दिल्ली: रेयान इंटरनेशनल स्कूल मर्डर केस में उत्तरी जोन के हेड फ्रांसिस थॉमस के खिलाफ दर्ज मामलों की सुनवाई गुरुग्राम में ही होगी. सुप्रीम कोर्ट ने आज फ्रांसिस थॉमस की याचिका पर सुनवाई करते हुए उसका निस्तारण किया है. कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि किसी भी आरोपी का अधिकार है कि उसके लिए कोई वकील अदालत में पेश हो.
कोर्ट ने कहा कि किसी भी बार एसोसिएशन का ये अधिकार नहीं है वो इस तरह का कोई प्रस्ताव पास करे कि आरोपी के लिए कोई वकील पेश नहीं होगा. इसके साथ-साथ कोर्ट ने यह भी कहा कि बार एसोसिएशन इस बात का ध्यान रखेंगे की ओरोपी के तरफ से कोई वकील या परिवार वाला अदालत में आता है तो उसमें वो कोई व्यवधान नहीं डाले. हालांकि मामले की सुनवाई के दौरान गुड़गांव बार एसोसिएशन के सुप्रीम कोर्ट को बताया कि हमने वो प्रस्ताव वापस ले लिया है जिसमें कहा गया था कि इस केस में कोई भी वकील आरोपी की तरफ से पेश नहीं होगा.
10 दिन बाद खुला स्कूल
घटना के 10 दिन बाद सोमवार को रेयान स्कूल खुला है. जिसमें आज कुल 250 बच्चे आए. स्कूल प्रबंधन और अभिभावकों के साथ मीटिंग हुई जिसमें बच्चों की सुरक्षा का मुद्दा उठाया गया. स्कूल प्रबंधन की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक अगले शनिवार को पैरेंट्स टिचर मीटिंग होगी. घटना के बाद स्कूल ने अर्ध वार्षिक परीक्षा को फिलहाल कुछ दिनों के लिए टाल दिया है. स्कूल में घटना वाली जगह को पूरी तरह से सील कर दिया गया है.
स्कूल के बच्चों के नाम कटाए जाने पर शासन ने कहा है जो भी अभिभावक अपने बच्चों को रेयान में नहीं पढ़ाना चाहते पहले वो यहां की व्यवस्था को देख लें उसके बाद भी संतुष्ट नहीं होते तो हम उन्हें ट्रांसफर सर्टिफिकेट दे देंगे. अधिकारियों ने कहा कि स्कूल सेफ्टी कमेटी बनेगी. इसके अध्यक्ष प्रिंसिपल होंगे. बता दें कि राज्य सरकार ने स्कूल को तीन महीने तक के लिए टेकओवर कर लिया है.
29 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में
वहीं आज पंजाब और हरियाण हाईकोर्ट ने रेयान प्रद्युम्न मर्डर केस में आरोपी बस कंडक्टर अशोक और रेयान इंटरनेशल ग्रुप के उत्तरी जोन के हेड और एचआर हेड फ्रांसिस थॉमस को 29 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. बता दें कि 8 सिंतबर को प्रद्युम्न की रेयान इंटरनेशनल स्कूल में हत्या कर दी गई थी, जिसमें कंडक्टर के ऊपर आरोप है कि उसने हत्या को अंजाम दिया है. मगर इस मामले में जो नये खुलासे आ रहे हैं उससे ये मामला और ज्यादा पेंचिदा होते जा रहा है और शक की सुई कहीं और घूम रही है. हालांकि की हरियाणा सरकार घटना की जांच सीबीआई से कराने के लिए सिफारिश का ऐलान कर चुकी है