नई दिल्ली: पुलिस हिरासत में होने वाली मौत और यातनाओं को लेकर कानून बनाने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट इसी साल नवंबर के आखिरी हफ्ते में सुनवाई करेगा. सोमवार को मामले की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने कोर्ट को बताया कि इस संबंध में लॉ कमीशन रिपोर्ट तैयार कर रहा है इसलिए मामले की सुनवाई दीपावली की छुट्टियों के बाद की जाए.
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था. गौरतलब है कि पूर्व कानून मंत्री अश्विनी कुमार ने हिरासत में होने वाले अमानवीय व्यवहार को रोकने के लिए कानून बनाए जाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी जिसपर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है.
याचिका में अश्विनी कुमार ने एक मामले का जिक्र करते हुए कहा कि नागपुर जेल की पुलिस पर दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर जी एन साईबाबा के साथ बर्बरता करने का आरोप है. प्रोफेसर 90 प्रतिशत दिव्यांग थे और व्हीलचेयर पर जिंदगी जी रहे थे.
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा था कि हिरासत में यातना देने और मौत की घटनाओं को रोकने के इरादे से देश भर में थानों और जेलों में सीसीटीवी कैमरे लगाने जैसी सिफारिशों पर विचार किया जायेगा.