अहमदाबाद: भारतीय जनता पार्टी (BJP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह सोमवार को नरोडा गाम दंगा मामले में बतौर गवाह अहमदाबाद की विशेष अदालत में पहुंच चुके हैं. मामले में मुख्य आरोपी और पूर्व विधायक मायाबेन कोडनानी की अर्जी पर शाह को बचाव गवाह के रुप में पेश होने का समन भेजा गया था.
गुजरात दंगे के दौरान अहमदाबाद के नरोडा गाम दंगा मामले में माया कोडनानी आरोपी हैं, कोडनानी ने विशेष अदालत के जज पी बी देसाई के समक्ष अर्जी दायर कर अमित शाह को इस मामले में गवाह के तौर पर बुलाने की मांग की थी. कोडनानी का दावा है कि 28 फरवरी 2002 को वे गुजरात विधानसभा में थी, शाह इस बात के गवाह हैं चूंकि वे उनके साथ थीं.
कोडनानी के मुताबिक उसके बाद वे अपने क्लिनिक पर एक प्रसूति कराने के लिए चली गई थीं, दंगा मामले में उनका नाम राजनीतिक द्वेष के चलते दर्ज कराया गया है. कोडनानी नरोडा पाटिया दंगा मामले में विशेष अदालत की ओर से दोषी साबित हो चुकी हैं, कोर्ट ने उन्हें विहिप नेता बाबू बजरंगी के साथ 28 साल की सजा सुनाई है. इस मामले में वे फिलहाल जमानत पर हैं.
कोडनानी के वकिल अमित पटेल ने बीजेपी अध्यक्ष के आवासीय पता बतौर अहमदाबाद शहर के थल्टेज, कोर्ट के सामने पेश किया. इसके बाद कोर्ट ने उसी पते पर सम्मन भी जारी किया. इससे पहले खुद कोडनानी उस पते को नहीं दे पाईं थी. कोडनानी के वकिल ने चार दिन के लिए समय मांगां था, ताकि वह सही पते के बारे में जानकारी जुटा सकें और फिर उन्हें कोर्ट द्वारा सम्मन जारी किया जा सके.
विशेष एसआईटी न्यायाधीश पी. बी. देसाई ने कोडनानी की अर्जी पर शाह को 18 सितंबर को अदालत में पेश होने के लिए समन जारी किया था. अदालत ने यह भी कहा था कि यदि शाह उस तारीख को पेश नहीं होते हैं तो वह इस मामले में फिर समन जारी नहीं करेगी.
क्या है मामला ?
गुजरात के अगमदाबाद में नरोदा गाम का नरसंहार साल 2002 में हुए साम्प्रदायिक दंगों 9 मामलों में से एक हैं. इसकी विशेष अदालत ने जांच की थी. इस दंगे में अल्पसंख्यक समुदाय से जुड़े 11 लोग मारे गए थे. इस मामले में कुल 82 लोग मुकदमे का सामने कर रहे हैं. बता दें कि कोडनानी गुजरात में नरेंद्र मोदी सरकार में मंत्री रह चुकीं हैं. कोडनानी को पहले ही नरोदा पाटिया दंगा मामले में 28 साल की सजा सुनायी जा चुकी है.