गुरुग्राम: प्रद्युम्न की हत्या के बाद गुरुग्राम के रेयान इंटरनेशनल स्कूल सोमवार से खुल जाएगा. साथ ही स्कूल की भी क्लासें भी लग जाएंगी. जिला प्रशासन ने आश्वसत किया है कि जांच रिपोर्ट के आधार पर वह स्कूल में रही कमियों को दूर करेंगे. स्कूल का पूरा प्रबंधन हरियाणा सरकार के अधीन काम करेगा. बता दें कि हरियाणा सरकार ने तीन महीनों के लिए स्कूल को टेकओवर किया है. रेयान स्कूल में पहले की तरह सभी क्लासों में काम शुरू हो जाएगा लेकिन जिस जगह वारदात घटी थी, वह एरिया को सील रहेगा. वहीं प्रद्युम्न हत्या मामले की जांच के लिए प्रद्युम्न के पिता वरुण ठाकुर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा चुके थे. उनका आरोप है कि इस मामले में कंडक्टर को मोहरा बनाया गया है. उन्होंने कहा था कि कोई है जो इस मामले की सच्चाई सामने आने नहीं देना चाहता.
क्या था मामला ?
गुरुग्राम के रेयान इंटरनेशनल स्कूल में 8 सितंबर को 7 साल के बच्चे प्रद्युमन की हत्या कर दी गई थी. प्रद्युमन की बॉडी टॉयलेट में मिली थी. इस मामले में हरियाणा पुलिस ने स्कूल बस के कंडक्टर अशोक कुमार को गिरफ्तार कर लिया था. बता दें कि 8 महीने पहले ही आरोपी अशोक स्कूल में कंडक्टर की नौकरी पर लगा था. अशोक ने बताया कि मेरी बुद्धि खराब हो गई थी. मैं स्कूल के बच्चों के टॉयलेट में था. वहां मैं गलत काम कर रहा था. तभी वह बच्चा आ गया. उसने मुझे गलत काम करते देख लिया. सबसे पहले तो मैंने उसे धक्का दिया. फिर अंदर खींच लिया. वह शोर मचाने लग गया, इससे मैं काफी डर गया. फिर मैंने बच्चे को दो बार चाकू से मारा और उसका गला रेत दिया.
कल होगी याचिका पर सुनवाई
रेयान इंटरनेशनल ग्रुप के तीनों ट्रस्टी ने पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की है. अगर इनकी याचिका पर हाईकोर्ट में कोई आपत्ति नहीं लगाई जाती तो कल इस पर सुनवाई होगी. गुड़गांव के रेयान स्कूल को CBSE ने कारण बताओ नोटिस जारी कर 15 दिनों में जवाब मांगा है. CBSE ने पूछा कि क्यों ना आपकी मान्यता रद्द की जाए.
कंडक्टर ने किया खुलासा
गुड़गांव के प्रद्युम्न केस में रेयान स्कूल के एक कंडक्टर ने दावा किया है कि जब प्रद्युम्न सेफहैंड अस्पताल पहुंचा था तो जिंदा था. मनोज नाम के इस कंडक्टर का कहना है कि जिस कार से प्रद्युम्न को सेफहैंड अस्पताल ले गए वो उसी कार में मौजूद था. मनोज का दावा है कि कार में प्रद्युम्न की आंखें खुली हुई थीं और उसकी सांसें भी चल रही थीं. मनोज का कहना है कि सैफहैंड अस्पताल में प्रद्युम्न को सही इलाज मिल जाता तो वह बच जाता. उधर सेफहैंड अस्पताल के डॉक्टर का कहना है कि प्रद्युम्न जब अस्पताल लाया गया तो उसकी हालत बेहुद नाजुक थी. डॉक्टर रोमित के मुताबिक प्रद्युम्न की सांस नली कट गई थी और खून काफी बह गया था. नाजुक हालत के चलते उसे आर्टिमिस रेफर कर दिया गया.