भोपाल : सामाजिक कार्यकर्ता मेध पाटकर मध्य प्रदेश के छोटा बड़दा गांव के घाट पर जल सत्याग्रह कर रही हैं. उनके इस सत्याग्रह में 30 से ज्यादा महिलाएं भी शामिल हैं. मेधा का आरोप है कि बेहतर पुनर्वास किए बिना सरदार सरोवर बांध की ऊंचाई बढ़ाने से बड़ी संख्या में लोग विस्थापित होंगे. मेधा पाटकर ने कहा है वो पीएम मोदी के संबोधन के बाद कोई बड़ा फैसला लेंगी.
वहीं कांग्रेस की स्थानीय इकाई ने भी सरदार सरोवर बांध का विरोध करने के लिए आज इस इलाके के कई गांवों में बंद का आवहान किया है. कांग्रेस का कहना है कि सरदार सरोवर का जलस्तर बढ़ाने से मध्य प्रदेश के 192 गांव पूरी तरह डूब जाएंगे. सरदार सरोवर का जलस्तर बढ़ाने से मध्य प्रदेश की नर्मदा घाटी स्थित धार, बड़वानी, सहित अन्य इलाकों के 192 गांव और एक नगर का डूब में आना तय माना जा रहा है.
इससे पहले मेधा ने कहा कि नरेंद्र मोदी के जन्मदिन को धूमधाम से मनाने के लिए हजारों परिवारों की जलहत्या की तैयारी हो रही है. यह कैसा जश्न है कि एक तरफ लोग मरने की कगार पर होंगे और गुजरात में 17 सितंबर रविवार को जश्न मनाया जाएगा. यह दिन देश के सबसे बुरे दिनों में से एक होगा.
बांध की खासियत
सरदार सरोवर बांध में 4.73 मिलियन क्यूबिक पानी जमा करने की क्षमता है. ये बांध अबतक अपनी लागत से दोगुनी यानी 16000 करोड़ रूपये की कमाई कर चुका है. बांध की क्षमता और क्षेत्रफल के लिहाज से बांध अमेरिका के ग्रांट कुली के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा बांध है. इस डैम की उंचाई 168 मीटर और लंबाई 5223 मीटर है. सरदार सरोवर डैम को 1000 वॉट के 620 एलईडी बल्बों से सजाया गया है जिनमें से 120 बल्ब बांध के 30 गेटों पर लगे हैं. इनकी रौशनी से बांध में पानी के ओवरफ्लो का पता लगता है.