भोपाल: मध्य प्रदेश सरकार ने पहले जनवरी से सभी स्कूलों में तिरंगा झंडा अनिवार्य करने का फैसला किया था और अब सीएम शिवराज ने नया आदेश जारी किया है जिसके मुताबिक नवंबर से सभी छात्रों को अटेंडेंस के दौरान यस सर या यस मैडम नहीं बल्कि जय हिंद बोलना होगा.
राज्य के सतना जिले में सबसे पहले 1 अक्टूबर से ये प्रैक्टिस शुरू होगी. ये प्रक्रिया शुरू करने से करीब एक महीने पहले राज्य कैबिनेट से मंजूरी ली जा चुकी है. स्कूल एजुकेशन मिनिस्टर विजय शाह के मुताबिक ये फैसला इसलिए लिया गया ताकि बच्चों में राष्ट्रभक्ति की भावना जगाई जा सके. उन्होंने कहा कि जय हिंद हर धर्म, जाति और मजहब को स्वीकार्य है इसलिए उन्होंने इसे लागू करने का फैसला किया.
उन्होंने कहा कि हम सिर्फ अपना कल्चर बचाए रखना चाहते हैं जो नई जेनरेशन भूलती जा रही है. सरकार के इस फैसले के बाद विपक्ष और शिक्षाविदों का कहना है कि उन्होंने सरकार से शिक्षा के स्तर में सुधार करने के लिए कहा था और सरकार ने शिक्षा व्यवस्था में सुधार की बजाय जय हिंद बोलना लागू कर दिया.
मध्य प्रदेश यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष कुनाल चौधरी के कहा कि ‘ हमें जय हिंद बोलने में कोई आपत्ति नहीं है मगर शिक्षा विभाग का जरूरी काम ये है कि छात्रों को उच्च स्तर की शिक्षा प्रदान करें ताकि उनका भविष्य मजबूत हो सके लेकिन सरकार इस काम में नाकाम साबित हुई है. उन्होंने कहा कि छात्र क्या पहने औ क्या बोलें ये सोचने की बजाय सरकार को स्कूलों के हालात और शिक्षा व्यवस्था पर काम करना चाहिए.
मध्य प्रदेश शिक्षक विभाग के संयुक्त सचिव आशुतोष पांडे के मुताबिक सरकार जबर्रदस्ती देशभक्ति की भावना जगाना चाह रही है. अगर उन्हें लगता है कि बच्चों को वाकेई हमारे देश पर गर्व करें तो उन्हें बच्चों को बेहतरीन शिक्षा और सुविधा देनी चाहिए.