राजीव गांधी की हत्या के लिए मानव बम बनाने की साजिश का केस क्या फिर से खोला गया? मानव बम बनाने की साजिश के केस का क्या नतीजा निकला और जैन कमीशन के निर्देश के मुताबिक राजीव गांधी की हत्या की आगे जांच होनी ही चाहिए इसको लेकर सीबीआई की सील बंद रिपोर्ट शुक्रवार को अदालत में पेश की गई.
नई दिल्ली : राजीव गांधी की हत्या के लिए मानव बम बनाने की साजिश का केस क्या फिर से खोला गया? मानव बम बनाने की साजिश के केस का क्या नतीजा निकला और जैन कमीशन के निर्देश के मुताबिक राजीव गांधी की हत्या की आगे जांच होनी ही चाहिए इसको लेकर सीबीआई की सील बंद रिपोर्ट शुक्रवार को अदालत में पेश की गई.सील बंद रिपोर्ट को अदालत ने देखने के बाद मामले की सुनवाई के लिए 19 सितंबर की तारीख़ तय की है.
पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई से कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने पूछा था कि राजीव गांधी की हत्या के लिए मानव बम बनाने की साजिश का केस क्या फिर से खोला गया? मानव बम बनाने की साजिश के केस का क्या नतीजा निकला? सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई से मामले की आगे की जांच के लिए चार हफ्ते में सील कवर में स्टेटस रिपोर्ट मांगी थी.
CBI को SC का निर्देश, राजीव गांधी हत्याकांड की जांच पूरी कर रिपोर्ट सौपें
वही इससे पहले राजीव गांधी हत्याकांड में सजायाफ्ता पेरारीवलन की जैन कमीशन के आधार पर आगे की जांच की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई से सवाल किए थे.कोर्ट ने पूछा है कि सीबीआई बताए कि इस मामले की आगे की जांच कब तक पूरी हो सकती है? साथ ही यह भी बताए कि इस केस में फरार आरोपियों के प्रत्यर्पण समेत क्या-क्या कानूनी अड़चनें आ रही हैं? इसके अलावा कोर्ट ने पूछा कि सीबीआई ने इन अड़चनों के लिए क्या कदम उठाए हैं?
सुनवाई के दौरान सीबीआई की ओर से बताया गया कि इस मामले की जांच चल रही है, लेकिन यह नहीं बताया जा सकता कि केस की जांच में कितना वक्त लगेगा. इस मामले में फरार आरोपियों के प्रत्यर्पण में भी वक्त लग रहा है.जब तक इन आरोपियों को वापस नहीं लाया जाएगा जांच पूरी नहीं हो सकती.
SC ने 4 हफ्ते में मांगी राजीव गांधी हत्याकांड केस की स्टेटस रिपोर्ट
राजीव गांधी हत्याकांड के दोषी पेरारीवलन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर हत्याकांड की आगे जांच के आदेश देने की मांग की है. याचिका में कहा गया है कि जैन कमीशन की सिफारिश के आधार पर मामले की आगे जांच के लिए सीबीआई की देखरेख में मल्टी डिस्पलेनेरी मॉनिटरिंग अथॉरिटी बनाई गई थी. लेकिन 18 साल बीत जाने पर भी जांच आगे नहीं बढ़ी.
दरअसल राजीव गांधी हत्याकांड में दो मामले दर्ज किए गए थे. एक केस में मुरगन, नलिनी, पेरारीवलन समेत सात लोगों को सजा हो चुकी है. वे उम्रकैद की सजा काट रहे हैं. दूसरे केस में लिट्टे चीफ प्रभाकरण, अकीला और पुट्टूअम्मन समेत 11 लोगों को साजिश का आरोपी बनाया गया था. इनमें से इन तीनों को छोड़कर सबकी मौत हो चुकी है.