नई दिल्ली: भारत की पहली बुलेट ट्रेन को अमली जामा पहनाने को तैयार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त 2022 तक इसे लॉन्च करने की योजना बना ली है. मुंबई-अहमदाबाद हाईस्पीड रेल प्रोजेक्ट की कुल लागत 1.10 लाख करोड़ रुपये होगी. इसके लिए 88 हजार करोड़ रुपये जापान सरकार कर्ज देगी. यह कर्ज 0.1% के इंटरेस्ट रेट पर मिलेगा जिसे 50 साल में चुकाना पड़ेगा.
अपनी तेज रफ्तार और वक्त की पाबंद रहने वाली बुलेट ट्रेन की देश के हैवी ट्रैफिक वाले रूटों पर काफी समय से जरूरत महसूस की जा रही है. मुंबई-अहमदाबाद के बीच इसकी शुरुआत होने जा रही है और इस प्रोजेक्ट में जापान भी खुले दिल से मदद करेगा. आपको बता दें कि भारत मे पहली बुलेट ट्रेन मुंबई से अहमदाबाद के बीच चलेगी.
यूं तो बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट की कई खास बातें हैं लेकिन हम आपको इसकी 9 ऐसी बातें बताएंगे की आप भी बोलेंगे वाह इंडिया वाह !
1. विमान की तुलना में सस्ती होगी बुलेट ट्रेन – सरकार ने स्वयं अपने शब्दों में कहा है कि बुलेट ट्रेन की सवारी सभी के लिए सस्ती रखने का लक्ष्य है. यह भी कहा गया है कि इसका किराया राजधानी एक्सप्रेस के 2 टियर ऐसी के किराये के आस-पास होगा.
2. बैठने की क्षमता और आवृत्ति – पहले बताया गया था कि बुलेट ट्रेन में एग्जिक्यूटिव और इकोनॉमी श्रेणी की सीटों के लिए 10 कोच होंगे, जिसमें 750 यात्रियों के बैठनें कि सुविधा होगी लेकिन बाद में भारतीय रेलवे ने इसे 1250 यात्रियों के बैठने लायक बनाने का फैसला लिया है जिसके लिए 6 अतिरिक्त कोच जोड़ने का प्रस्ताव रखा गया था.
3. ट्रेन की विशेषताएं – बुलेट ट्रेन में व्हीलचेयर वाले यात्रियों के लिए दो अतिरिक्त-शौचालय होंगे, स्तनपान कराने के लिए और बीमार यात्रियों के लिए मल्टी पर्पस रूम्स होंगे. बच्चों के लिए अलग टॉयलेट सीटें और वेस्टर्न स्टाइल के शौचालय भी होंगे.
4. स्टेशन – 508 किलोमीटर की दूरी को कवर करने के लिए भारत के दो कारोबारी केंद्र अहमदाबाद और मुंबई के बीच बुलेट ट्रेन में कुल 12 स्टेशन शामिल होंगे. मुंबई, ठाणे, विरार, बोईसर, वापी, बिलिमोरा, सूरत, भरूच, वडोदरा, आनंद, अहमदाबाद और साबरमती
5. यात्रा अवधि और गति – भारतीय रेल द्वारा दो यात्रा के विकल्प की पेशकश की जाएगी. सीमित स्टेशनों सूरत और वडोदरा पर रोक के साथ मुंबई और अहमदाबाद के बीच यात्रा करने के लिए ट्रेन में 2 घंटे 7 मिनट लगेगा. हालांकि, सभी स्टेशनों पर रूकने वाली ट्रेन 2 घंटे और 58 मिनट लेगी. बुलेट ट्रेन 320 किमी प्रति घंटे की गति से चलती है और इसकी अधिकतम गति 350 किमी प्रति घंटे होगी.
6. समुद्री सुरंग – बुलेट ट्रेन पर सवारी करते समय यात्रियों को 21 किलोमीटर लंबी सुरंग में यात्रा करना पड़ेगा और उन 21 किलोमीटर में से 7 किलोमीटर की दूरी समुद्र के नीचे से होकर गुजरेगी.
7. मेक इन इंडिया और प्रौद्योगिकी उद्देश्यों का स्थानांतरण – बुलेट ट्रेन परियोजना का सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि भारतीय इंजीनियरों और लेबर क्लास को ‘मेक इन इंडिया’ के लिए ज्ञान और कौशल हासिल होगा. यह बदले में भविष्य की हाई-स्पीड रेल परियोजनाओं के लिए फायदेमंद साबित होगा जो देश के अन्य मार्गों के लिए बनेगी.
8. नौकरियों पर क्या होगा प्रभाव – मोदी सरकार के अनुसार, इस परियोजना के निर्माण के चरण के दौरान लगभग 20,000 श्रमिकों के लिए रोजगार पैदा करने की संभावना है.
9. सुरक्षा – जापान का कहना है कि इस ट्रेन की देरी का रिकॉर्ड एक मिनट से भी कम के आस-पास होगा. इतना ही नहीं आपदा भविष्यवाणियों और रोकथाम के लिए प्रौद्योगिकी भी हासिल की जा सकेगी. साथ ही यह सुनिश्चित भी करेगी कि किसी भी प्राकृतिक आपदा जैसे भूकंप आदि के मामले में सुरक्षा बरकार रहे.
10. इस प्रोजेकट की कितनी होगी लागत ? – भारतीय रेलवे दावा कर रहा है कि इस प्रोजेकट में 1,10,000 करोड़ रुपये का खर्च होगा जिसमें से जापानी सरकार 0.1% ब्याज दर पर 88,000 करोड़ रुपये का ऋण प्रदान कर रही है. ऋण 50 वर्ष के समय अवधि में चुकाया जा सकेगा. ऋण का ब्याज 7-8 करोड़ रुपये प्रति माह होगा और सरकार का दावा है कि इससे मौजूदा वित्तीय संसाधनों पर कोई दबाव नहीं पडेगा.