नई दिल्ली: धर्म-कर्म के नाम पर फ्रॉड करने वाला राम रहीम जमीनखोर बन गया है. वो डेरा में आने वाले लोगों को लालच देकर और बहाना बनाकर उनकी जमीन हड़प लेता था. राम रहीम ने जिन लोगों की जमीन डेरा के नाम लिखवा ली, वो लोग अब एक-एक कर सामने आ रहे हैं और अपनी जमीन वापस लेने की गुहार लगा रहे हैं .
जानते हैं राम रहीम ने इतना बड़ा साम्राज्य कैसे खड़ा किया ? कैसे वो सैकड़ों एकड़ जमीन का मालिक बन बैठा ? जब आप सुनेंगे तो हैरत में पड़ जाएंगे. ये जमीन और उस जमीन पर बनाई गई संपत्ति को राम रहीम ने झूठ की बुनियाद पर खड़ा किया है और इसके लिए उसने लोगों को डराया, धमकाया, अत्याचार किया गया.
शाह मस्ताना जी ने जब डेरा की स्थापना की थी. तब उनके पास 2 कमरे हुआ करते थे. बाद में राम रहीम के पास गद्दी आई तब डेरा के पास कुल 5 एकड़ जमीन थी. लेकिन 27 सालों में अचानक डेरा की संपत्ति 200 गुना से भी ज्यादा बढ़ गई और ये बढ़कर 1093 एकड़ पहुंच गई. ये सब कैसे हुआ, उसे समझने से पहले हरियाणा के चरखी दादरी के इस परिवार का आरोप सुनिए.
परमार्थ मतलब धर्म कर्म और राम रहीम के शब्दों में इसका मतलब होता था अपनी जमीन डेरा के लिए दान कर दो. 48 साल के सोमवीर ने वही किया. अपनी 12 एकड़ जमीन और करीब 3 करोड़ रुपया राम रहीम की अंधभक्ति के झांसे में आकर लगा दिया.
जब जमीन और रुपया वापस आते नहीं देखा तो उन्होंने इसी महीने आत्महत्या कर ली. जमीन और पैसा हड़पने के लिए राम रहीम ने साम-दाम-दंड-भेद की नीति अपनाई. शुरुआत में परमार्थ करने को कहा, लेकिन बाद में धमकी भी दिलवाई. ऐसा परिवार का आरोप है. ये ड्रेस देखिए । ये राम रहीम ने सोमवीर को दी थी. 6 लाख रुपये की बोली लगाकर. एक पुरानी ऑडी कार भी दी.