चुनाव आयोग का SC में हलफनामा, राज्यसभा चुनाव में NOTA का इस्तेमाल कोर्ट के आदेश के मुताबिक

नई दिल्ली:  गुजरात राज्यसभा चुनाव में नोटा (NOTA) के खिलाफ कांग्रेस की याचिका पर चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में जवाब दाखिल किया है. चुनाव आयोग ने कहा है कि गुजरात राज्यसभा चुनाव में NOTA का इस्तेमाल सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक है और ये प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों ही चुनावों पर लागू होता है. चुनाव आयोग ने अपने हलफनामें में ये भी कहा कि NOTA के खिलाफ गुजरात कांग्रेस की याचिका अदालती कार्रवाई का दुरुपयोग है.
NOTA राज्यसभा चुनाव में 2014 से जारी है जबकि कांग्रेस ने 2017 में चुनौती दी. 2014 से अब तक गुजरात समेत 25 राज्यसभा चुनाव NOTA से हो चुके हैं. चुनाव आयोग ने अपने हलफनामे में ये भी कहा कि 2014 में ही बैलेट पेपर में NOTA के प्रावधान के बारे में सारी राजनीतिक पार्टियों को जानकारी दे दी गई थी. कांग्रेस ने इसे लेकर जनहित याचिका दाखिल की है जबकि इससे किसी के मौलिक अधिकार का हनन नहीं होता क्योंकि राइट टू कंटेस्ट वैधानिक अधिकार है मौलिक अधिकार नहीं. ऐसे में कांग्रेस की याचिका सुनवाई  के योग्य नहीं है, इसे खारिज किया जाना चाहिए.
बता दें कि पिछले 3 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस की याचिका पर नोटा (NOTA) पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने कहा था इसकी सुनवाई जारी रखी जाएगी कि राज्यसभा के चुनाव में NOTA का इस्तेमाल हो सकता है या नहीं. कोर्ट ने गुजरात राज्यसभा चुनाव में NOTA के इस्तेमाल के खिलाफ गुजरात कांग्रेस की याचिका पर चुनाव आयोग को नोटिस जारी करके जवाब मांगा था.
सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात कांग्रेस से किया ये सवाल
इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात कांग्रेस से कई सवाल किए थे. कोर्ट ने कहा था कि चुनाव आयोग ने जनवरी 2014 में नोटिफिकेशन जारी किया और अब अगस्त 2017 चल रहा है, इस बीच राज्यसभा के चुनाव हुए लेकिन आपने कभी इसे चुनौती नहीं दी? आज आप नोटा को इसलिए चुनौती दे रहे हैं क्योंकि यह आपको सूट नहीं कर रहा. चुनाव आयोग ने 14 जुलाई को चुनाव नोटिफिकेशन जारी किया था तब भी आपने चुनौती नहीं दी. अब चुनाव आ गए हैं तो चुनौती दे रहे हैं.  कोर्ट ने कांग्रेस से कहा कि आप राजनीतिक पार्टी हैं और कोई भी विधायक इसे चुनौती दे सकता था. लेकिन आप तब तक इंतजार नहीं कर सकते जब तक आप प्रभावित न हो रहे हों.
यह भी ध्यान रखना चाहिए कि नोटा का 2014 का नोटिफिकेशन चुनाव आयोग ने सभी राज्यों के लिए किया था न कि गुजरात के लिए. कांग्रेस की ओर से कपिल सिब्बल ने कोर्ट से कहा था कि NOTA भ्रष्टाचार की रेसीपी है. गुजरात में अब चुनाव हो रहे हैं तो वो कोर्ट में इसे चुनौती दे रहे हैं.
गुजरात राज्यसभा चुनाव में NOTA के इस्तेमाल के खिलाफ गुजरात कांग्रेस के चीफ व्हिप की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है. याचिका में कहा गया है कि NOTA का प्रावधान संविधान में नहीं है और न ही कोई कानून है. यह सिर्फ चुनाव आयोग का सर्कुलर है. ऐसे में  NOTA जनप्रतिनिधि अधिनियम 1951 का उल्लंघन करता है.
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