नई दिल्ली: गुड़गांव के मासूम प्रद्युम्न की हत्या का मामला आज देश की सबसे बड़ी अदालत में पहुंचा. सुप्रीम कोर्ट ने उसके पिता वरुण ठाकुर की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि ये मामला सिर्फ एक बच्चे का नहीं बल्कि देश भर के स्कूलों और उनमें पढ़ने वालों बच्चों की सुरक्षा का मामला है.
इस बीच प्रद्युम्न केस में बड़ा खुलासा हुआ है. आज पुलिस ने कोर्ट में बताया कि हत्या की वारदात के बाद स्कूल के अधिकारियों ने कुछ सबूत मिटाने की कोशिश की. दरअसल पुलिस के मुताबिक प्रद्युमन की वाटर बोतल पर खून के निशान मिले थे. लेकिन स्कूल के टीचर ने बच्चों से कहकर वाटर वॉटल धुलवा दिए. ये बात स्कूल के बच्चों के बयान में भी सामने आई थी.
स्कूल के बच्चों ने बताया था कि टीचर ने उनसे कहा था कि वो प्रद्युमन की वाटर बॉटल और लंच बॉक्स को पानी से धो दें. इस मामले की जांच कर रही हरियाणा पुलिस भी सवालों के घेरे में है, हत्या की थ्योरी को लेकर आरोपी कंडक्टर और पुलिस के बयानों में बड़ा अंतर है.
याचिका पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस की बेंच ने केंद्र सरकार, हरियाणा सरकार, सीबीआई और सीबीएसई को नोटिस जारी किया है. इन सभी से 3 हफ्ते में जवाब मांगा गया है. प्रद्युम्न का परिवार तीन बड़ी बातों को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था. परिवार सीबीआई जांच की मांग कर रहा है क्योंकि अब तक ये साफ नहीं है कि उसकी हत्या क्यों की गई? परिवार स्कूलों के लिए बच्चों की सुरक्षा के दिशानिर्देश तय करने की अपील कर रहा है और चाहता है कि एक आयोग बने ताकि ऐसे मामलों में स्कूलों पर तत्काल सख्त कार्रवाई की जा सके.
प्रद्युम्न के परिवार को शक है कि इस मामले में स्कूल प्रशासन उनसे कुछ छिपा रहा है. इस वजह से ही उसने सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में सीबीआई जांच की मांग की है. पूरे मामले में कुछ अनसुलझे सवाल है, जैसे – कंडक्टर स्कूल के अंदर क्या कर रहा था? वो बच्चों के वॉशरूम में कैसे पहुंचा? और उसके पास धारदार चाकू कहां से आया? क्या कंडक्टर पहले से प्रद्युमन को मारना चाहता था? इस बीच प्रद्युम्न के पिता वरुण ठाकुर से हरियाणा के मुख्यमंत्री ने फोन पर बात की और कहा कि वो सीबीआई जांच के लिए तैयार हैं.