नई दिल्ली: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया(आरबीआई) ने कहा कि 500 और 1000 रुपये के नोटों की गिनती के लिए नोट गिनने वाली मशीन का इस्तेमाल नहीं किया गया है. इस बात का खुलासा आरटीआई के जरिये हुए है. आरबीआई ने नोटों की गिनती के लिए इस्तेमाल हुए कर्मचारियों की संख्या बताने से भी साफ इनकार कर दिया है.
अगस्त में दायर हुई एक आरटीआई में नोटों को गिनने के लिए इस्तेमाल हुई मशीनों की जानकारी मांगी गई थी. जिसके जवाब में आरबीआई ने बताया कि 500 और 1000 रुपये के नोटों की गिनती में बैंक के किसी भी कार्यालय में मशीन का इस्तेमाल नहीं किया गया है और ना ही इस काम के लिए लीज पर भी कोई मशीन ली गई थी.
नोट गिनने की शुरुआत किस तिथि से की गई थी, इस प्रश्न के पर बैंक ने टेढ़े-मेढ़े तरिके से जवाब दिया. साथ ही आरबीआई ने यह जानकारी भी देने से मना कर दिया कि नोटों को गिनने के लिए कर्मचारियों की संख्या क्या थी. आरटीआई का जवाब देते हुए बैंक ने कहा कि आरटीआई अधिनियम 2005 की धारा 7 (9) के तहत यह जानकारी किसी को भी नहीं दी जा सकती है.
नोटबंदी से कालाधन कितना कम हुआ इसकी जानकारी आरबीआई को नहीं है. आरबीआई यानी कि भारतीय रिजर्व बैंक ने एक पार्लियामेंट्री पैनल से कहा कि उसके पास इस बारे में कोई सूचना नहीं है कि नोटबंदी से कितना कालाधन समाप्त हुआ है और साथ ही आरबीआई ने कहा कि उसे यह भी पता नहीं है कि 500 और 1000 के नोटों को बंद करने के बाद नोटों को बदलने की प्रक्रिया में कितनी बेहिसाब नकदी को वैध धन में बदला गया है.
गौरतलब है कि इससे पहले सेंट्रल बैंक ने कहा था कि पैसों की गिनती करने के लिए पूरी स्पीड में काम चल रहा है और आरबीआई के अधिकतर कार्यालय डबल शिफ्ट में काम कर रहे हैं और वो उच्च तकनीक की मशीनों का इस्तेमाल कर रहे हैं ताकि जल्द ही आंकड़ें सामने आ पाएं.