नई दिल्ली: राम रहीम कितना बड़ा शातिर था उसका सबसे बड़ा खुलासा आज हम करने जा रहे हैं. क्या आप सोच सकते हैं कि हवश का शिकार बनाने के लिए राम रहीम महिलाओं के साथ लड़कियों और छोटी-छोटी बच्चियों का ब्रेन वॉश करता था.
शिकारी राम रहीम हमारे पवित्र त्योहारों का इस्तेमाल अपने शिकार को पकड़ने के लिए करता था. करवा चौथ के त्योहार के बारे में आप सुनते आए हैं और घर की महिलाएं पति की लंबी उम्र की कामना के लिए रखती भी हैं. लेकिन राम रहीम ऐसे ब्रेन वॉश करता था कि उसका खसम उसका पति तो वो है.
जिस करवा चौथ के व्रत को सुगाहिन अपने पति की लंबी उम्र के लिए करती हैं. उस पवित्र व्रत को भी बलात्कारी बाबा राम रहीम ने नहीं बख्शा. राम रहीम के लिए करवाचौथ व्रत के क्या मायने थे.
कॉलेज की छात्राओं को वो चांद दिखाने के बहाने कैसे अपना शिकार बनाता था. ये आपको बताएंगे. लेकिन उससे पहले राम रहीम के ये बोल वचन सुनिए. जिसमें वो करवाचौथ पर अपने अनुयायियों के बीच अलग-अलग जगहों से आए संदेशों को पढ़ रहा है.
ये तेरे नाम का व्रत रखकर मेरे दिल में जो खुशी आई, वो मैं दिखाऊं कैसे जो खुशबू मेरे पूरा दिन रही. वो कैसे दिखाऊं जो तेरे नाम ने मदहोश किया वो मैं कैसे सुनाऊं. ढलती रात है बस एक ही कमी रहेगी. तू जो आज रात न आया तो इन आंखों में नमी रहेगी.
इस रस्म को बापू तुझे निभाना पड़ेगा. बाबा दावा करता था कि ऐसे संदेश उसे देश विदेश में रहने वाली उसकी महिला भक्त भेजती हैं. देखिए बाबा के सामने हजारों की संख्या में महिलाएं बुजुर्ग और बच्चे भी बैठे हैं. लेकिन सबकी आंखों पर आस्था का ऐसा अंधा चश्मा चढ़ा है कि उन्हें बलात्कारी बाबा की असलियत समझ नहीं आ रही.
बुरा न मानिए लल्लू पंजू से मतलब हम किसी की बेटी के लिए नहीं कह रहे कि दुनिया में आप जिससे भी मोहब्बत करना चाहेंगे. पता नहीं कौन आपको कब छोड़ जाए या आप उसे छोड़ जाएं या आपका आपस में फूट पड़ जाए. लेकिन ये ऐसा खसम है जो आपको छोड़ेगा नहीं यहां तो क्या अगले जहान में भी नहीं.