नई दिल्ली: रोहिंग्या मुसलमानों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को अहम सुनवाई होगी. सोमवार को केंद्र सरकार कोर्ट में अपना पक्ष रखेगी. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने भारत में अवैध रूप से रह रहे रोहिंग्या मुसलमानों को म्यांमार वापस भेजने के केंद्र सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सरकार से जवाब मांगा था.
याचिका में अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संधियों के उल्लंघन सहित कई आधार बताते हुए सरकार के निर्णय को चुनौती दी गई है. इसी बीच राष्ट्रीय स्वाभिमान आंदोलन के नेता के एन गोविंदाचार्य ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा है कि रोहिंग्या मुसलमान न सिर्फ़ राष्ट्रीय संसाधन पर बोझ है बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर ख़तरा भी है.
के एन गोविंदाचार्य ने अपनी याचिका में कहा कि देश में रह रहे रोहिंग्या मुसलमान की पहचान कर इन्हें वापस भेज जाए. के एन गोविंदाचार्य ने उस याचिका का विरोध किया है जिसमें भारत में अवैध रूप से रह रहे रोहिंग्य मुसलमानों को म्यांमार वापस भेजने के केद्र सरकार के फैसले को चुनौती दी गई है. याचिका में अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संधियों के उल्लंघन सहित कई आधार बताते हुए सरकार के निर्णय को चुनौती दी गई है.
SC में ‘इंडिक कलेक्टिव’ ने दाखिल की याचिका, कहा- रोहिंग्या मुसलमान ‘इस्लामिक आतंक’ का चेहरा
इससे पहले चेन्नई के एक समूह ‘इंडिक कलेक्टिव’ ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा रोहिंग्य मुसलमान ‘इस्लामिक आतंक’ का चेहरा है और रोहिंग्य मुसलमान को भारत में रहने की इजाजत देना अशांति, हंगामा और दुर्दशा को आमंत्रित करने के समान हैं.
इंडिक कलेक्टिव ने अपनी याचिका में कहा है कि कि वह सुप्रीम कोर्ट को यह बताना चाहता है कि रोहिंग्य मुसलमान को भारत में रहने की इजाजत देने से क्या खतरा है इस लिए रोहिंग्य मुसलमानों से संबंधित मामले में उन्हें भी सुना जाए.
दरअसल म्यांमार ने रोहिंग्य मुसलमान को नागरिकता देने से इनकार कर दिया था जिसके बाद म्यांमार में हिंसा करने के बाद रोहिंग्य मुसलमान भारत भागकर आए गए है और जम्मू, हैदराबार, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली-एनसीआर आदि जगहों पर अवैध रूप से रह रहे हैं. भारत में करीब 40 हजार रोहिंग्य मुसलमान अवैध रूप से रह रहे हैं.