गुरुग्राम: गुरुग्राम के नामी स्कूल में एक बच्चे का कत्ल हुआ और चंद घंटों के अंदर पुलिस ने कातिल को गिरफ्तार करने का दावा भी कर दिया है. पुलिस के पास कत्ल की वजह भी है और कहानी भी. लेकिन ना पुलिस की कहानी किसी को हजम हो रही है और ना ही स्कूल के रवैय्ये पर यकीन हो रहा है.
इसकी वजह है वो सुलगते हुए साढे दस सवाल, जिनका जवाब ना पुलिस के पास है और ना स्कूल के पास. प्रद्युम्न की मां के हर लब्ज में बेहिसाब दर्द है, अपने बच्चे के लिए तड़प है उस 7 साल के मासूम के लिए जो अब हमारे आपके बीच नहीं है.
पुलिस कहती है स्कूल के बस कंडक्टर ने उसका कत्ल कर दिया और इसके पीछे पुलिस की दलील है कंडक्टर का हवस. जाहिर है ये पुलिस के आला अफसर हैं झूठ तो नहीं ही बोलेंगे. लेकिन उन साढे दस सवालों का क्या जिनके जवाब इंतजार इस मां को ही नहीं बल्कि हिंदुस्तान की हर मां को है.
जब तक इन सवालों का जवाब नहीं मिलता है यकीनन प्रद्युमन के मर्डर केस की गुत्थी उलझी रहेगी. पहला सवाल यह है कि 7 साल के मासूम का चाकू से गला रेत दिया गया. स्कूल में चाकू आखिर कैसे पहुंचा. आखिर मेन गेट पर तलाशी क्यों नहीं ली गई. क्या इसमें स्कूल की जवाबदेही नहीं है.
दूसरा सवाल यह है कि मर्डर को कंडक्टर अशोक ने अंजाम दिया तो कंडक्टर चाकू लेकर बाथरूम तक कैसे पहुंचा. जबकि स्कूल के इस हिस्से में टीचर और बच्चों के अलावा किसी की एंट्री नहीं होती. इसके अलावा सबसे सुलगता सवाल ये कि मासूम की चीख किसी ने क्यों नहीं सुनी. क्योंकि बाथरूम और प्रद्युमन की क्लासरूम के बीच सिर्फ एक दीवार थी.
ऐसे ही कई और सवाल हैं जिनसे पता चलता है कि प्रद्युमन की मौत के लिए स्कूल प्रशासन ने भयंकर लापहरवाही भी जिम्मेदार हैं..क्योंकि कत्ल की जो वजह अभी तक बताई गई है..वो गले नहीं उतर रही.
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