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Big Breaking: देश के मशहूर वकील राम जेठमलानी ने वकालत को कहा ‘अलविदा’

देश के सबसे बड़े वकील राम जेठमलानी ने अब अदालत को अलविदा कह दिया है, 94 साल के राम जेठमलानी ने बार कांसिल के एक समारोह में ये बात कही है. 76 साल के लंबे अदालती करियर को अलविदा कहते हुए राम जेठमलानी ने कहा कि अब उन्होंने तय किया है कि वो अदालत में बहस नही करेंगे.

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  • September 9, 2017 5:42 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago
नई दिल्ली: देश के सबसे बड़े वकील राम जेठमलानी ने अब अदालत को अलविदा कह दिया है, 94 साल के राम जेठमलानी ने बार कांसिल के एक समारोह में ये बात कही है. 76 साल के लंबे अदालती करियर को अलविदा कहते हुए राम जेठमलानी ने कहा कि अब उन्होंने तय किया है कि वो अदालत में बहस नही करेंगे. इसी हफ्ते सुप्रीम कोर्ट में एक मामले की सुनवाई के दौरान राम जेठमलानी ने जस्टिस कुरियन जोसेफ को कहा था कि ये उनका आखिरी मुकदमा है और अब वो कोई भी मुकदमा लड़ने के लिए नही लेंगे. राम जेठमलानी इस समय बिहार से राज्यसभा सांसद है और देश के सबसे महंगे वकील हैं. संवैधानिक, क्रिमिनल, सिविल आदि तमाम मामलों के महारथी जेठमलानी ने कहा कि वो सलाह मांगने वाले वकील को सलाह देते रहेंगे. अब वो देश में भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए काम करेंगे. मैं भ्रष्ट राजनेताओं से लड़ना चाहता हूं जिन्हें सत्ता के पदों पर लाया गया है और मुझे उम्मीद है कि भारत की स्थिति अच्छी शक्ल लेगी. जेठमलानी ने कहा कि देश अच्छी स्थिती में नहीं है. मौजूदा और पिछली सरकारों ने देश को बहुत बुरी तरह से नीचा दिखाया है. वह भारत के नए प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा को सम्मानित करने के लिए बार काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे. इसी मौके पर जेठमलानी ने अदालत को अलविदा कह दिया. 
 
बता दें कि राम जेठमलानी ने कई हाई प्रोफाइल केसों में बहस की है. राम जेठमलानी अटल बिहारी बाजपेयी के सरकार में कानून मंत्री भी रहे हैं. राम जेठमलानी का पूरा नाम राम भूलचन्द जेठमलानी है. इनका जन्म 14 सितम्बर 1923, सिंध, ब्रिटिश भारत के शिकारपुर शहर में हुआ. 6वीं और 7वीं लोक सभा में वे भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर मुंबई से दो बार चुनाव जीते. विवादास्पद बयान के चलते उन्हें जब बीजेपी से निकाल दिया तो उन्होंने वाजपेयी के ही खिलाफ लखनऊ लोकसभा सीट से 2004 का चुनाव लड़ा किन्तु हार गए. 7 मई 2010 को उन्हें सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन का अध्यक्ष चुना गया. 2010 में उन्हें फिर से भाजपा ने पार्टी में शामिल कर लिया और राजस्थान से राज्य सभा का सांसद बनाया.
 

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