नई दिल्ली: सीबीआई ने यूपीए सरकार के दौरान पर्यावरण मंत्री रही जयंती नटराजन के खिलाफ वन भूमि से संबंधित एक मामले में एफआईआर दर्ज करने के बाद चेन्नई स्थित परिसरों पर शनिवार को छापेमारी की. जयंती नटराजन पर आरोप है कि उन्होंने मंत्री रहते नियमों को ताक पर रखते हुए खनन के लिए वनभूमि की स्थिति बदलने की मंजूरी दी. केंद्रीय एजेंसी ने जयंती, इलेक्ट्रोस्टील कास्टिंग लिमिटेड (ईसीएल) के तत्कालीन प्रबंध निदेशक उमंग केजरीवाल और कंपनी के अलावा अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. रिपोर्ट्स के मुताबिक यह मामला साल 2012 में वन संरक्षण अधिनियम का कथित रूप से उल्लंघन करते हुए खनन कंपनी इलेक्ट्रोस्टील को झारखंड के शारदा वन भूमि की स्थिती बदलने के लिए मंजूरी देने से संबंधित है.
शारदा वन भूमि की स्थिती बदलने के लिए कंद्रीय पर्यावरण राज्य मंत्री ने मंजूरी खारीज कर दी थी लेकिन पद संभालते ही जयंती ने कथित रुप से उसे मंजूरी दे दी है. सीबीआई ने एफआईआर में आरोप लगाते हुए कहा कि ईसीएल को गैर वन्य इस्तेमाल के लिए जयंती नटराजन ने 55.79 हेक्टेयर वन भूमि की स्थिति बदलने के लिए मंजूरी दी. जबकि तत्कालिन राज्यमंत्री ने इसकी खारीज कर दी थी.
सीबीआई की तरफ से इस मामले में दिल्ली, कोलकाता, चेन्नई, रांची ओर ओडिशा के सुंदरगढ़ में छापेमारी की जा रही है. बता दें कि जयंती ने जनवरी 2015 में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर आरोप लगाते हुए इस्तीफा दे दिया था. उस वक्त नटराजन ने सोनिया गांधी को खत लिखकर कहा कि पर्यावरण से जुड़े कई प्रोजेक्ट्स को हरी झंडी न देने के लिए उन पर राहुल गांधी की ओर से दबाव था.