नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट सोमवार को नीतीश कुमार को बिहार सीएम के पद से अयोग्य घोषित करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करेगा. वकील एमएल शर्मा ने हलफनामा दाखिल कर कहा कि 2004 से 2012 के दौरान नीतीश कुमार ने एफिडेविट में ये खुलासा नहीं किया कि 1991 में उन पर हत्या के मामले में एफआईआर दर्ज हुई थी.
हलफनामा में दावा किया गया है कि नीतीश कुमार ने अपने एफिडेविट में इस बात का जिक्र नहीं किया कि उनके नाम पर हत्या का मामला दर्ज है, लिहाजा नीतीश कुमार को सीएम पद के लिए अयोग्य घोषित किया जाए. हलफनामा में नीतीश कुमार के खिलाफ हत्या के मामले में उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की गई है.
याचिका में आरोप लगाया गया है कि नीतीश ने 2004 और 2012 के बीच अपने हलफनामों में उनक पर हत्या मामले में प्राथमिकी दर्ज करने का खुलासा नहीं किया है. हलफनामा के अनुसार नीतीश कुमार अपने आपराधिक रिकॉर्ड को छुपाने के बाद संवैधानिक पद पर नहीं रह सकते हैं.