नई दिल्ली : रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने एक बार फिर से मोदी सरकार के आर्थिक फैसलों पर सवाल उठाया है. गिरती हुई जीडीपी के लिए रघुराम राजन ने नोटबंदी को जिम्मेदार बताया है.
रघुराम राजन ने अपनी पुस्तक आई डू वॉट आई डू की लांचिंग के मौके पर कहा कि नोटबंदी कालेधन पर नकेल कसने में कामयाब रही या असफल, अभी इस बारे में कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी. लेकिन हां ये बात स्पष्ट है कि नोटबंदी के कारण GDP में गिरावट आयी है. और इससे निपटने में सरकार को चाहिए कि वह तीन सेक्टर पर ध्यान दे.
रघुराम राजन ने कहा कि सरकार को इंफ्रास्ट्रक्चर यानि कि बुनियादी ढाँचे को उचित ढंग से साकार किया जाए, पावर यानि बिजली. सरकार को चाहिए कि वह बिजली आपूर्ति पर ध्यान दे और एक्सपोर्ट यानि निर्यात पर ध्यान देना चाहिए.
नोटबंदी पर अपना पक्ष रखते हुए राजन ने कहा कि उन्होंने कभी भी नोटबंदी पर अपनी सहमति नहीं जताई और उनके कार्यकाल के दौरान नोटबंदी पर कोई चर्चा नहीं हुई ना ही उन्होंने इस पर अपना समर्थन दिया.
उन्होंने कहा कि अगर जेपी मॉर्गन जैसी संस्थाओं के आंकलन पर भरोसा करें तो नोटबंदी की वजह से 1-2 प्रतिशत जीडीपी के बराबर नुकसान हुआ है, जो कि लगभग 2 लाख करोड़ के आसपास है. वहीं फायदे की बात करें तो टैक्स से सिर्फ लगभग 10 हजार करोड़ की आमदनी हुई.