नई दिल्ली: रियल स्टेट फर्म यूनिटेक को सुप्रीम कोर्ट से तगड़ा झटका लगा है. शुक्रवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने यूनिटेक के प्रमोटर संजय चंद्रा को अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया. चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस ए एम खानविलकर और जस्टिस डी वाय चंद्रचूड़ की खंडपीठ ने कहा कि वो प्रोजेक्ट के अलावा फ्लैट और घर खरीदने वालों के बारे में पूरी जानकारी मिलने के बाद ही जमानत की संभावनाओं पर विचार करेंगे. कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 15 सितंबर का दिन तय किया है.
सुप्रीम कोर्ट की बैंच ने इस मामले में एडवोकेट पवन सी अग्रवाल को एमिकस क्यूरी यानी न्याय मित्र के तौर पर नियुक्त किया है. कोर्ट ने उनसे पूरी सूचना एकत्र करने को कहा है जिसमें ये भी शामिल है कि कितने फ्लैट खरीददार अपना पैसा वापस लेना चाहते हैं और कितने ऐसे हैं जिन्हें फ्लैट चाहिए. गौरतलब है कि कोर्ट ने पहले ही साफ कर दिया है कि जिन लोगों को पैसे चाहिए उन्हें पहले के डाटा के हिसाब से पैसे मिलेंगे और जिन्हें फ्लैट चाहिए उन्हें फ्लैट मिलेगा.
संजय चंद्रा की तरफ से पेश हुई काउंसिल ने कोर्ट में दलील दी कि उनके क्लाइंट ने 20 करोड़ जमा करने के अलावा सारी कंडीशंस पूरी की है. काउंसिल ने ये भी कहा कि संजय चंद्रा बाकी का अमाउंट भी तभी वापस लौटा पाएंगे जब उन्हें ऑफिस जाने दिया जाएगा और तभी वो पैसों का भी इंतजाम कर सकेंगे. कोर्ट ने इस दलील के जवाब में कहा कि अगली तारीख पर कोर्ट इन दलीलों पर विचार करेगी.