नई दिल्ली. फ्रांस ने 2040 से अपने देश में पेट्रोल व डीजल से चलने वाली कारों को बैन करने का मन बना लिया है. अब ऐसा लगता है कि भारत सरकार भी इसी नक्शे कदम पर चलने वाली है. इसके संकेत केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने वाहन बनाने वाली कंपनियों को चेता कर दे दिया है.
सड़कों पर बढ़ती वाहनों की संख्या और प्रदूषण की समस्या को देखते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने ये संकेत दिया है कि भारत में पेट्रोल-डीजल की कारों का भविष्य अब ज्यादा दिन तक नहीं है.
सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने पेट्रोल और डीजल जैसे पारंपरिक ईंधन से चलने वाली गाड़ियां बनाने वाली कंपनियों से साफ लहजे में अल्टिमेटम के तौर पर कहा कि वे वैकल्पिक र्इंधन अपनाएं अन्यथा परिणाम भुगतने को तैयार रहें. भविष्य पेट्रोल व डीजल का नहीं है बल्कि वैकल्पिक ईंधन का है.
नितिन गडकरी ने कहा कि प्रदूषण नियंत्रण और वाहन आयात पर लगाम लगाने के अपने प्रयासों के तहत वे इसके लिए प्रतिबद्ध हैं. साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि पेट्रोल-डीजल से चलने वाले वाहनों को इलेक्ट्रोनिक या फिर अन्य वैकल्पिक इंधन का रुख करना पड़ेगा. केंद्र सरकार साल 2030 तक देश में पूरी तरह इलेक्ट्रॉनिक कारों का दौर लाना चाहती है.
गडकरी ने कहा कि भले ही आपको ये पसंद हो या न हो, मैं ऐसा करने जा रहा हूं. मैं पेट्रोल-डीज़ल से चलने वाली गाड़ियों का बैंड बजा दूंगा. इन पर बुलडोजर चलवा दूंगा. कार कंपनियों को चेताते हुए गडकरी ने कहा कि जो सरकार का समर्थन कर रहे हैं वे फ़ायदे में रहेंगे और जो नोट छापने में लगे हैं उन्हें परेशानी होगी.
ऑटोमोबाइल कंपनी से जुड़े एक कार्यक्रम में पहुंचे केंद्रीय मंत्री गडकरी ने कहा कि ‘पेट्रोल-डीजल से चलने वाले वाहनों को इलेक्ट्रॉनिक या फिर बायो ईंधन का रुख करना पड़ेगा. उन्होंने कहा, ”पेट्रोल डीजल बनाने वालों का बैंड-बाजा बजाना है. इन पर बुलडोजर चलवा दूंगा.’
गडकरी ने कहा कि ‘हमें वैकल्पिक ईंधन का रुख करना चाहिए. मैं ये करने जा रहा हूं. आप इसे पसंद करें चाहे न करें. मैं आपसे पूछूंगा नहीं. मैं इसे उखाड़ फेकूंगा. प्रदूषण के लिए, आयात के लिए मेरे विचार बहुत साफ हैं.’
उन्होंने कार कंपनियों को चेताते हुए कहा कि जो सरकार का समर्थन कर रहे हैं वे फायदे में रहेंगे और जो नोट छापने में लगे हैं उन्हें परेशानी होगी. उन्होंने यह भी कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों पर एक कैबिनेट नोट तैयार है जिसमें चार्जिंग स्टेशनों पर ध्यान दिया जाएगा.