नई दिल्ली: आज विश्व साक्षरता दिवस है. यह हर साल 8 सितंबर को मनाया जाता है. दरअसल, यूनेस्को ने 17 नवंबर को 1965 में 8 सितंबर को अंतराष्ट्रीय साक्षरता दिवस मनाने की घोषणा की थी. जिसके बाद 1966 में दुनिया भर में पहला विश्व साक्षरता दिवस मनाया गया.
यह दिवस दुनिया भर से अशिक्षा को समाप्त करने के उद्देश्य से संकल्प लेते हुए हर साल 8 सितंबर को अंतराष्ट्रीय साक्षरता दिवस मनाया जाता है. इसे व्यक्ति, समाज और समुदाय के लिये साक्षरता के बड़े महत्व को ध्यान दिलाने के लिये पूरे विश्व भर में मनाना शुरु किया गया है. जीवन में कुछ बनने, जीने और कुछ कर दिखाने के लिए साक्षर होना बहुत जरूरी है.
एक रिपोर्ट के अनुसार यह भी सच है कि आज भी हर पाँच में से एक पुरुष और दो-तिहाई महिलाएँ अनपढ़ है. वहीं बच्चों की बात करें तो कुछ बच्चों की पहुँच आज भी स्कूलों से बाहर है और कुछ बच्चे स्कूलों में अनियमित रहते हैं.
आंकड़ो की मानें तो आज भी 6.07 करोड़ बच्चों को स्कूल की शिक्षा मयस्सर नहीं है. वहीं दुनिया में करीब 75.7 करोड़ लोग आज भी लिखने और पढ़ने में अक्षम हैं. बुरकिना फासो, माली और नाइजर वो देश है जहाँ सबसे कम साक्षरता दर है.