नई दिल्ली: बताया जाता है कि बलात्कारी बाबा राम रहीम पर अपने आश्रम में काला जादू, तंत्र साधना करने के आरोप लग रहे हैं. ये आरोप उन्हीं के पुराने राजदारों ने लगाया है. कहा जा रहा है कि राम रहीम तंत्र साधना से लोगों के दिमाग को वश में कर लेता था. उसके लॉकेट को लेकर कई तरह की बातें कही जा रही हैं. पांच हजार में पांच मटर के दाने बेचने के पीछे भी यही तंत्र-मंत्र है.
सिर्फ 17 साल में एक बाबा ने करीब 200 करोड़ को 10 हजार करोड़ में बदल डाला. दुनिया का कोई बैंक या कोई बिजनेसमैन भी ऐसा अजूबा शायद ही कर पाए जैसा राम रहीम ने किया लेकिन अब इस पूरे खेल में काला जादू का एक एंगल सामने आ रहा है. कहा जाता है कि सिरसा सहित देश भर में फैले राम रहीम के आश्रम उसकी फैक्ट्री, सिनेमा हॉल, शॉपिंग कॉम्पलेक्स, फाइव स्टार होटल और बाकी चीजों की जोड़ दें तो आज की तारीख में ये दौलत 10 हजार करोड़ के आस-पास बैठती है. अब कहा जा रहा है कि राम रहीम ने ये दौलत हासिल करने के लिए काला जादू,सम्मोहन और वशीकरण का सहारा लिया. लंबे वक्त तक आश्रम में रह चुके हंसराज ने खुलासा किया है कि राम रहीम अपने भक्तों को वश में कर लेता था. 2007 में बाबा ने जाम ए इंसा पिलाया जिसमें बाबा ने पतासे, रू अफजा डालकर ले कर आया. जिसमें बाबा ने अपनी उंगली का खून निकालकर उसमें मिलाया. जिसके बाद लोगो का ध्यान भी भटकाया गया. इस दौरान बाबा ने अपने लोकेट साधुओ को दिए. जिसके बाद प्रेमियो को 20 रूपये से सौ रूपये तक लोकेट बांटे गए.
कहते हैं कि कोई आपको वश में कर ले तो आपको अच्छे-बुरे का अंदाजा नहीं रहता. इंसान को मिली सबसे बड़ी ताकत जो तर्क करने की होती है. वो खत्म हो जाती है. इंसान अच्छे-बुरे का फर्क नहीं कर पाता. राम रहीम ने अपने भक्तों के इसी तर्क करने की ताकत को अपने वश में कर लिया. कहते हैं कि आम भक्तों को MSG काउंटर पर सबसे कम दाम में 20 रु देकर जो लॉकेट मिल जाता था. वो आशीर्वाद लॉकेट था लेकिन ऐसा ही लॉकेट लाख रुपय तक में मिलता था. ये स्पर्श लॉकेट था. स्पर्श लॉकेट को राम रहीम का स्पर्श किया हुआ होता था. जबकि एक तीसरे तरह का लॉकेट था धारण लॉकेट. इसके लिए करोड़ रुपए तक वसूले जाते थे. ये लॉकेट विशेष मौकों पर राम रहीम अपने गले से उतारकर भक्तों के गले में डाल देता था.
सिरसा में सच्चा सौदा के पास करीब 1093 एकड़ जमीन है. इसमें से 768 जमीन में खेती होती है. खुद बाबा कभी ट्रैक्टर से खेत जोतते दिखता, कभी कुदाल-फावड़ा चलाते. आश्रम के अंदर खेती की जमीन पर उपजाई एक हरी मिर्च 1000 रुपय में बेची जाती थी. एक बैगन 1 हजार का, मटर के 5 दाने 1000 रु में, 2 टमाटर 2 हजार के, एक पतीता 5 हजार का, अंगूर का एक गुच्छा 14 हजार का, एक सेब की कीमत 11 हजार की. कनाडा से आया कोई भक्त आधा किलो मटर के लिए कई लाख दे देता था. वो इस मटर को भगवान का प्रसाद समझता था और उसके लिए अपनी प्रॉपर्टी लिख देने को तैयार हो जाता था. राम रहीम के करीबी रहे हंसराज चौहान कहते हैं कि इसकी शुरूआत राम रहीम की अमृत रस से होता था. मतलब कभी खून वाले जाम, खून वाले बताशे तो कभी अमृतरस की घुट्टी पिलाकर राम रहीम अपने भक्तों को वश में कर लेता था. उसके दिमाग पर कब्जा कर लेता था. आश्रम में काला जादू, वशीकरण के लिए तंत्र-मंत्र साधना भी होती थी और, क्या तंत्र-मंत्र साधना से किसी को इस तरह से वश में किया जा सकता है कि वो घर-परिवार भूल जाए और सामने वाले का हो जाए.