नई दिल्ली : 12 मार्च 1993 को मुंबई में हुए सीरियल ब्लास्ट में आज पांच दोषियों को टाडा कोर्ट ने सजा सुनाई, इनमें से दो ताहिर मर्चेंट और फिरोज खान को कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है. आज हम आपको इन दोनों के बारे में कई महत्वपूर्ण जानकारी देने जा रहे हैं. ताहिर मर्चेंट पर साजिश रचने, आतंकी गतिविधी में शामिल होने के लिए दोषी ठहराया गया है. ताहिर मर्चेंट ने आंतकी गतिविधी में शामिल सह-आरोपी जिसे पाकिस्तान में ट्रेनिंग दी गई है उसके लिए परिवहन व्यवस्था की थी.
अभियोजन पक्ष के वकील ने कोर्ट में कहा कि ताहिर मर्चेंट और करीमउल्ला खान ने इसके अलावा पासपोर्ट की भी व्यवस्था की थी. मर्चेंट दुबई में मुंबई ब्लास्ट के लिए की गई मीटिंग में भी शामिल था और इसने अपने सहयोगियों को मुंबई से लोगों को शस्त्र प्रशिक्षण के लिए पाकिस्तान भेजा जाने की व्यवस्था करने के लिए प्रेरित किया था. मर्चेंट ने हथियार खरीदने के लिए धन एकत्रित किया और भारत में एक अवैध हथियार निर्माण कारखाना स्थापित करने की योजना बनाई.
8 जनवरी 1993 को विस्फोटों के दो महीने पहले मोहम्मद डोसा (मुस्तफा डोसा के फरार भाई) ने फिरोज अब्दुल रशीद खान और अन्य आरोपी को कस्टम्स अधिकारियों और लैंडिंग एजेंटों को हथियारों और विस्फोटक के बारे में सूचित करने के लिए अलबाग और म्हसला भेजा था. इसी के साथ फिरोज खान आतंकी हमले के लिए की गई बैठकों में भी भाग लिया.