बिना जांच दोषी करार कर देने वाले क्या पत्रकार की मौत पर सियासत कर रहे हैं

नई दिल्ली: बेंगलुरु में पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या की पीछे की वजह क्या थी. क्या जो आरोप लग रहे हैं कि वो RSS या राइट विंग के खिलाफ़ लिखती थीं, बोलती थीं इसलिए उन्हें हमेशा के लिए खामोश कर दिया गया, उन आरोपों में कितनी सच्चाई है. क्या इस देश में खुलकर बोलने की आज़ादी खतरे में है. बिना जांच दोषी घोषित कर देने वाले लोग क्या एक पत्रकार की मौत पर सियासत कर रहे हैं.
गौरी लंकेश का परिचय ये है कि उन्हें इस मुल्क में पिछले एक दशक से निडर पत्रकारिता के लिए जाना जाता था. उनके एक-एक शब्द गोलियों की तरह होते थे. उनकी कलम तलवार से भी धारदार थी. वो कन्नड़ भाषा में ज्यादा लिखती थीं और पिछले कुछ महीने से वो लगातार कर्नाटक में हो रहे सांप्रदायिक तनाव, के अलावा यूपी में बच्चों की मौत, डॉ काफिल की भूमिका का समर्थन और रोहिंग्या मुसलमानों को शरण देने जैसे मामलों पर ताबड़तोड़ लिख रही थी.
उन्होंने अपनी कलम से चरम दक्षिणपंथ पर ताबड़तोड़ हमले किए और इसकी वजह से वो उग्र दक्षिणपंथियों के निशाने पर थीं. उनकी हत्या के बाद से कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि कोई भी जो RSS और BJP के खिलाफ बोलेगा उस पर हमला होगा और मार दिया जाएगा. ये लोग सिर्फ एक विचारधारा थोपना चाहते हैं. जो भारत की प्रकृति के खिलाफ है.
दरअसल गौरी लंकेश की हत्या को कर्नाटक और महाराष्ट्र में पिछले कुछ सालों में हुए बड़े पत्रकारों, समाज सुधारकों की हत्या से जोड़कर देखा जा रहा है. नरेन्द्र दाभोलकर, गोविंद पानसरे, डॉ एम एम कलबुर्गी की हत्या पिछले तीन साल में कर दी गई. इन सारी हत्याओं में हत्यारे एक ही विचारधारा से संबंधित हैं, ऐसे आरोप लगते हैं. लेकिन इसे लेकर अब तक न तो कोई बड़ी गिरफ्तारी हुई और नहीं कोई ठोस सबूत सामने आया. लिहाजा बीजेपी और RSS दोनों ने राहुल गांधी के बयान की आलोचना की है.
सीनियर जर्नलिस्ट गौरी लंकेश की हत्या के बाद सोशल मीडिया पर भी वॉर छिड़ा हुआ है. जबर्दस्त खेमेबंदी हो रही है. एक धरा ये मान पर बैठा है कि हत्या दक्षिणपंथियों ने की है यानी वो विचारधारा जिसका एजेंडा हिंदुत्व का है, उग्र राष्ट्रवाद का है लेकिन सोशल मीडिया पर ही दूसरा धरा. ऐसा है जो जांच रिपोर्ट आने तक किसी भी नतीजे से बचने की सलाह दे रहा है. लेफ्ट पार्टियों की तरफ से भी मोर्चेबंदी की जा रही है.
गौरी लंकेश को किसने मारा ? इस सवाल का जवाब ढूंढने के लिए ही SIT बना दी गई है. 19 ऑफिसर की टीम बनाई है. जिसकी अगुवाई आईजी इंटेलिजेंस बी के सिंह करेंगे. जांच रिपोर्ट आएगी तब ही सामने आ पाएगा कि हत्यारा कौन था और हत्या का मोटिव क्या था.
बता दें कि गौरी को मंगलावार को करीब रात 8.30 बजे बिल्कुल करीब से गोली मारी गई. घटना के वक्त वो राजराजेश्वरी नगर में अपने घर का दरवाजा खोलने की कोशिश कर रही थीं. तभी हमलावरों ने 7 राउंड फायरिंग की और गौरी को छलनी कर दिया. घटना के बाद आस-पास के लोगों ने पुलिस को जानकारी दी.
कन्नड़ टेबलॉयड ‘लंकेश पत्रिका’ की संपादक गौरी को अपने तीखे तेवर और दक्षिणपंथ विरोध की वजह से सार्वजनिक धमकियां मिलती थी. नवंबर 2016 में उन्होंने बीजेपी नेताओं के खिलाफ एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी. जिसके चलते उनके खिलाफ मानहानि का केस दायर किया गया. इस मामले में उन्हें 6 महीने की जेल भी हुई थी. फिलहाल, वो जमानत पर रिहा थीं.

 

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