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NIA के हत्थे चढ़े दो पत्थरबाज, स्पेशल कोर्ट ने 10 दिन की कस्टडी में भेजा

घाटी में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने पत्थरबाजों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. एनआईए ने पत्थरबाजों पर बड़ी कार्रवाई करते हुए दो पत्थरबाजों को गिरफ्तार किया है, जिसमें से एक फ्रीलांस फोटो पत्रकार भी है. इन दोनों को पूछताछ के लिए स्पेशल कोर्ट द्वारा एनआईए की कस्टडी में भेज दिया गया है.

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  • September 6, 2017 1:41 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago
नई दिल्ली. घाटी में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने पत्थरबाजों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. एनआईए ने पत्थरबाजों पर बड़ी कार्रवाई करते हुए दो पत्थरबाजों को गिरफ्तार किया है, जिसमें से एक फ्रीलांस फोटो पत्रकार भी है. इन दोनों को पूछताछ के लिए स्पेशल कोर्ट द्वारा एनआईए की कस्टडी में भेज दिया गया है. 
 
एनआईए कश्मीर में हिंसा के हालातों के पीछे आतंक और हवाला के जरिए हुई नापाक टेरर फंडिंग के मामले की जांच कर रही है. इस लिहाज से कश्मीर में दो पत्थरबाजों का गिरफ्तार होना बड़ी कामयाबी है. इन दोनों पर आरोप है कि ये दोनों पत्थरबाजी करते थे और सोशल मीडिया पर सुरक्षाकर्मी के खिलाफ कैंपेन चलाते थे. 
 
कोर्ट के सूत्रों के मुताबिक, जिला जज पूनम ए बम्बा ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को कुलगाम के जावेद अहमद भट्ट और पुलवामा के कामरान यूसुफ से 16 सितंबर तक पूछताछ की इजाजत दी. एजेंसी ने कोर्ट में ये भी कहा कि उन्हें इस मामले में अन्य आरोपी से पूछताछ की जरूरत पड़ेगी. 
 
 
बता दें कि एनआईए की हिरासत में भेजे गए जावेद और कामरान के जिले कुलगाम और पुलवामा में ही वर्ष 2016 में आतंकी बुरहान के मारे जाने के बाद सबसे ज्यादा राष्ट्रविरोधी प्रदर्शनों के अलावा पथराव की घटनाएं हुई थी. जावेद और कामरान सोशल मीडिया के जरिए पत्थरबाजों को जमा करते था और उन्हें किसी विशेष स्थान पर पथराव करने को उकसाते था.
 
बता दें कि कश्मीर घाटी में आतंकवाद और अलगाववादी गतिविधियों के टेरर फंडिंग मामले जांच के क्रम में ही एनआईए ने मंगलवार को भट और यूसुफ को गिरफ्तार किया. इससे पहले युसुफ को लोकल पुलिस की ओर से चेतावनी भी दी जा चुकी थी.
 
एजेंसी के मुताबिक, ये दोनों पत्थरबाजी की घटनाओं के अलावा युवाओं के समूह को सुरक्षाकर्मियों पर पत्थरबाजी करने के लिए उकसाते भी थे. साथ ही ये दोनों देश विरोधी गतिविधी में भी शामिल थे. ये दोनों सोशल मीडिया पर भी युवाओं सुरक्षाकर्मियों के खिलाफ गुमराह करते थे.
 

 

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